देश के सबसे मशहूर और बड़े बाजार चांदनी चौक का कायाकल्प हो गया है। अगर आप पहले कभी दिल्ली स्थित चांदनी चौक बाजार आए होंगे तो आपका सामना भारी अव्यवस्थाओं, बेहिसाब ट्रैफिक, बिजली के तारों का जंजाल, खराब सड़कों, बदतर सीवेज से हुआ होगा। अब वो दिन गुजर गए। अब चांदनी चौक में पैदल घूमने के लिए बेतहाशा जगह है। बैठने की सुंदर व्यवस्था है। वॉशरूम से लेकर साफ-सफाई तक सारी सुविधाएं नए सिरे से तैयार हैं।
शाहजहां की बेगम ने फतेहपुरी समेत कुछ मस्जिदें बनवाईं। शाहजहां की सबसे बड़ी बेटी बेगम जहांनारा को जिम्मेदारी दी गई कि वो शहर का सबसे बड़ा बाजार बनाएं। बेगम जहांनारा ने ही ये चांदनी चौक बड़ा बाजार बनाया। ये बाजार दिल्ली शहर को करीब दो हिस्सों में बांटता है। लाल किले से फतेहपुरी मस्जिद की तरफ बढ़ने पर बाईं तरफ जो इलाका है वो शहर का दो तिहाई हिस्सा था, दाईं तरफ का हिस्सा एक तिहाई हिस्सा था। चांदनी चौक बाजार सन 1659 में जब बना था तो इसमें 5 बाजार हुआ करते थे।4.
शाहजहां ने 1639 में लालकिले की आधारशिला रखी और 1648 में नौरोज के दिन शहर का उद्घाटन किया गया। तब तक चांदनी चौक बाजार भी तैयार हो चुका था। बाजार में ग्राउंड फ्लोर पर दुकानें हुआ करती थीं और पहली मंजिल पर कोठियां और हवेलियां हुआ करती थीं। जब ये बाजार खुला, उस वक्त इसमें करीब 1300-1400 दुकानें थीं। अब तो सिर्फ मेन रोड पर ही इससे ज्यादा दुकानें हैं और मेन रोड से दोनों तरफ जो गलियां निकलती हैं, उसमें तो हजारों की तादाद में दुकानें हैं। ये दुनिया का तब का सबसे बड़ा बाजार था। एक जगह पर इतनी सारी...
सौंदर्यीकरण में सड़कों का फर्श सीमेंट का बनाया गया है और लाल रंग दिया गया है। सफाई की विशेष व्यवस्था की गई है। लोगों की सुविधा के लिए 4 शौचालय और 2 पुलिस पोस्ट बनाए गए हैं।पूरी सड़क पर 124 CCTV कैमरे से निगरानीबिजली के लटकते तारों को अंडर ग्राउंड कर दिया गया हैवॉटर ATM, कूड़ेदान और बैठने के लिए बलुआ पत्थर की सीटेंचांदनी चौक में 25 साल से रिक्शा चलाने वाले हेमपाल बताते हैं कि सौंदर्यीकरण का जब से काम हुआ है तब से कमाई बढ़ गई है। इसकी वजह बताते हुए हेमराज कहते हैं कि सड़कें अच्छी हो गई हैं और...
लुटेरा माल लूटता है कि मालदार का विकास करता है...? झूठे दलाल इतिहासकारों ने लुटेरे राक्षसों को महान बना दिया
विदेशी लुटेरे आक्रांता मुगलों ने हिन्दूओ पर अत्याचार करने व महलों व हिन्दू मंदिरों को तोड़ मस्जिद गुंबद बनाने के सिवाय हिंदुस्तान में कुछ नही किया
Thanks to Delhi govt
start_MP_teachers_transfer_portal हजारों शिक्षकों को इसलिये स्वैच्छिक ट्रांसफर नहीं मिला क्योंकि उनके पास सिफारशी पत्र नहीं था हजारों परिवार इस दोहरी अनीति के कारण दुखी हैं पीड़ित हैं कहाँ जाये हम कौन सुनेगा हमारी? narendramodi ChouhanShivraj RahulGandhi OfficeOfKNath .
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