युवा किसी भी देश और समाज में बदलाव के मुख्य वाहक होते हैं। इतिहास गवाह है कि आज तक दुनिया में जितने भी क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं, चाहे वे सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक रहे हों, उनके मुख्य आधार युवा ही रहे हैं। भारत में भी युवाओं का एक समृद्धिशाली इतिहास है। प्राचीनकाल में आदिगुरु शंकराचार्य से लेकर गौतम बुद्ध और महावीर स्वामी ने अपनी युवावस्था में ही धर्म एवं समाज सुधार का बीड़ा उठाया था। आचार्य कौटिल्य ने मगध की जनता को नंद वंश के शासन से मुक्ति दिलाने के लिए एक युवा...
अब्दुल कलाम ने कहा था कि हमारे पास युवा संसाधन के रूप में अपार संपदा है और यदि समाज के इस वर्ग को सशक्त बनाए जाए तो हम बहुत जल्द ही महाशक्ति बनने के लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। यह बात शत-प्रतिशत सत्य है कि बिना खनिज संसाधन के भी किसी देश का विकास हो सकता है, लेकिन बिना मानव संसाधन के देश के विकास के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हम जापान का ले सकते हैं, जिसने खनिज संसाधनों के अभाव के बावजूद अपने मानव संसाधन के दम पर विकास की इबारत लिखी और आज दुनिया की तीन बड़ी...
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