राजधानी में कोरोना के नए केस काफी कम हो गए हैं। वैक्सीनेशन भी शुरू हो चुका है। ऐसे में सोमवार से स्कूल खुल रहे हैं, पर अब भी कुछ माता-पिता ऐसे हैं जो इस दुविधा में हैं कि बच्चों को स्कूल भेजें या नहीं। राजधानी के द्वारका इलाके में कुछ पैरंट्स अभी बच्चों को स्कूल भेजने में हिचकिचा रहे हैं। उन पैरंट्स में झिझक अधिक है, जिनके स्कूल अस्पताल से बिल्कुल सटे हुए हैं। द्वारका में कई अस्पतालों के साथ स्कूलों की बाउंड्री लगती है। पैरंट्स को डर है कि अस्पतालों में आने-जाने वालों के संपर्क में कहीं बच्चे न...
Abe her jagah school ke pass hospital Nahi hai. Ghar bathe hi news Bana li. Kamchor.
जीवन के सभी कार्य 1 वर्ष पहले की तरह चलना चाहिए क्योंकि 1 वर्ष के अंदर 130 करोड़ लोगों में से केवल डेढ़ लाख लोग मरे हैं जो एक सामान्य बात है। सामान्य एतिहात बरत कर सभी काम प्रारंभ किए जाएं।
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