Girishbhai Of Gujarat Teaches Science To Children By Making Models Out Of Scrap; Do Not Take Leave, Do The Cleaning Of School Toilets On Their Ownगिरीश का बचपन गरीबी में बीता, मजदूरी भी की; अब कबाड़ से मॉडल बनाकर बच्चों को पढ़ाते हैं साइंसगुजरात के राजकोट के रहने वाले गिरीश बावलिया का बचपन गरीबी में बीता। परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी। कम उम्र में ही उन्हें मजदूरी करनी पड़ी, किराने की दुकानों पर काम किया, लेकिन कभी हौसला नहीं खोया। वे लगातार कोशिश करते रहे और सरकारी स्कूल से पढ़कर प्रिंसिपल...
38 साल के गिरीश एक प्राइमरी स्कूल के प्रिंसिपल हैं। 2004 से वे बच्चों को पढ़ा रहे हैं। इसके पहले वे शिवराजपुर गांव के सरकारी स्कूल में टीचर रहे। 2018 में उन्होंने Head Teacher Aptitude Test एग्जाम पास किया। उसके बाद ‘वडोद प्राइमरी स्कूल’ के प्रिंसिपल बने। वे कहते हैं कि मैंने लोगों को भरोसा दिलाया कि मैं इन सब चीजों का ध्यान रखूंगा। उसके बाद मैंने स्कूल की सूरत बदलने की ठान ली। सुंदर बिल्डिंग बनाया गया और साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा। बच्चों को नए-नए मॉडल से पढ़ाना शुरू किया। इसका फायदा यह हुआ कि कुछ ही समय बाद बच्चों की अटेंडेंस बढ़ने लगी।गिरीश स्कूल दो घंटे पहले जाते हैं ताकि स्कूल की साफ-सफाई, गार्डनिंग या दूसरे जरूरी काम कर सकें।
सरकारी स्कूल में सरकार स्वीपर की सुविधा मुहैया कराती है तो आप क्यों टॉयलेट साफ करते हैं? ऐसा पूछा जाने पर गिरीश का कहना है की सरकार स्वीपर के लिए बहुत कम वेतन देती है। कम पैसों की वजह से वो लोग हफ्ते में सिर्फ एक ही दिन आते हैं। जब स्कूल ओपन रहता है तो हर दिन टॉयलेट साफ करने की जरूरत होती है। ऐसे में कुछ दिन वो लोग सफाई करते हैं और कुछ दिन मैं करता हूं, जिससे सफाई मेंटेन रहती है।गिरीश ने बच्चों को पढ़ाने के लिए सोलर सिस्टम, रोबोट, तोप, सैटेलाइट, फाइटर प्लेन, पृथ्वी और परमाणु सहित कई मॉडल बनाए...
गिरीश कोई प्रोडक्ट बनाने से पहले उसे अच्छी तरह से समझ लेते हैं। फिर उसे कबाड़ की चीजों से तैयार करते हैं। उसके सारे पार्ट्स अलग-अलग करके स्कूल ले जाते हैं। वहां स्कूल के बड़े बच्चों से उनके पार्ट्स को ज्वॉइन करवा मॉडल तैयार करते हैं। इस तरह से बच्चे मॉडल की मदद से किसी टॉपिक को आसानी से समझ जाते हैं।पिछले दो सालों में उन्होंने 15 मॉडल बनाए हैं जिसके लिए अलग-अलग चीजों का इस्तेमाल किया। इनमें से सबसे खास तोप का मॉडल है जो 160 किलोग्राम का...
गिरीश स्कूल के लिए बनाए गए मॉडल को खुद के खर्च पर तैयार करते हैं। जिसे बनाने के बाद स्कूल में ही रख देते हैं, ताकि भविष्य में भी दूसरे बच्चे इन मॉडल्स से सीख सकें।गिरीश कहते हैं कि सरकारी स्कूल का बजट कम होता है। इसलिए मैं खुद के पैसों से ही कई तरह के मॉडल बनाता हूं।
isunitasingh Greatttttt, Salute to Girish Bhai 🙏🏻🙏🏻
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »
स्रोत: News Nation - 🏆 15. / 51 और पढो »
स्रोत: Webdunia Hindi - 🏆 17. / 51 और पढो »
स्रोत: News Nation - 🏆 15. / 51 और पढो »
स्रोत: Dainik Jagran - 🏆 10. / 53 और पढो »