कोविड के चलते पिछले 18 महीनों में स्कूली बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है। शहरी इलाकों में तो कुछ हद तक डिजिटल लर्निंग की सुविधाएं ज्यादा रहीं, लेकिन गांवों में खास करके सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे सिर्फ कागजों पर ही 2 क्लास आगे बढ़े हैं, असल में वे कुछ भी नया नहीं सीख पाए हैं। डिजिटल डिवाइड की इस हकीकत को समझने के लिए दैनिक भास्कर शहरी और ग्रामीण इलाकों में ग्राउंड जीरो पर पहुंचा। इसके लिए हमने दिल्ली से करीब 80 किमी दूर UP के हापुड़ जिले के पूठा हुसैनपुर गांव और नोएडा के एक...
इसी तरह लवेश जाटव पिछले 18 महीने में महज दो चार दिन ही स्कूल जा पाए हैं। 12 साल के लवेश चार भाई बहन हैं। 6 लोगों के परिवार में सिर्फ एक मोबाइल फोन है। वह भी बिना इंटरनेट वाला। पिछले साल जब लॉकडाउन लगा तो लवेश 6वीं में थे। अब जब दूसरी लहर के बाद जब स्कूल खुले हैं, तो कागजों पर वे आठवीं क्लास में आ चुके हैं, लेकिन 7वीं क्लास में कुछ भी नहीं सीख सके हैं।
हुसैनपुर के इसी स्कूल में पढ़ाने वाली राधा शर्मा 6वीं की क्लास टीचर हैं। राधा अपने छात्रों को गणित और विज्ञान पढ़ाती हैं। वे बताती हैं कि पिछले डेढ़ साल में बच्चों की पढ़ाई पर बहुत ज्यादा असर पड़ गया है। इस वक्त में लर्निंग गैप बहुत ज्यादा हो गया है। हमारी प्राथमिकता है कि हम लर्निंग गैप को भरें। इसके बाद बच्चों की बुनियादी भाषा और अंक ज्ञान सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। जो बच्चा 8वीं में हैं, उसको हम 6वीं क्लास की चीजें भी रिवाइज कराते हैं और साथ में 8वीं क्लास की भी कुछ-कुछ नई चीजें बताते...
सवेर के बड़े भाई प्रवीर उसी स्कूल में 7वीं क्लास में पढ़ते हैं। वे बताते हैं कि मैंने पिछले डेढ़ साल में उन्होंने काफी सारी नई चीजें सीखी हैं। स्कूली पढ़ाई के अलावा दूसरे स्टडी प्रोजेक्ट और प्रैक्टिकल लर्निंग की तरफ उनका रुझान बढ़ा है। हाल में ही उन्होंने 3D तकनीक से जुड़े लेक्चर्स का फायदा भी उठाया है।प्रवेर और सवेर के पिता अमित अरोड़ा का प्रिंटिंग का कारोबार है। वे बताते हैं कि- पिछले दो साल में बच्चों की जिंदगी पर बहुत ज्यादा असर हुआ है। पढ़ाई करने के लिए तो फिर भी डिजिटल तरीके हैं, लेकिन...
इसमे नया क्या है गरीब बेसहारा की चिंता क्यों होगी सरकार को जिनसे पैसा मिलना रिश्वत मिलनी है जैसे बड़े स्कूल माफिया शिक्षा वाले ap के ठेकेदार इनकी मिलीभगत से ये कमाल होगा पहले डोनेशन स्कूल फीस admson के पैसे लगतेथे अब ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर माफिया सक्रिय गररेब की सुनवाई नही होगी
बच्चों की सही तरह से पढ़ाई तो,,,,सत्र 2022 से ही शुरू होगी,,, और वो भी तब होगी जब ऑफ लाइन,, क्लास सारे बच्चों के साथ शुरू होगी कोरोना काल में हर परिवार का भविष्य दांव पर लगा हुआ था,,, तो छोटे छोटे बच्चो का मन पढ़ाई में कैसे लगता
सरकार से निवेदन है कि जल्द से जल्द बच्चों के स्कूल खोली जाए खासकर के गांव में
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
स्रोत: Dainik Jagran - 🏆 10. / 53 और पढो »
स्रोत: Webdunia Hindi - 🏆 17. / 51 और पढो »
स्रोत: Dainik Jagran - 🏆 10. / 53 और पढो »
स्रोत: द वायर हिंदी - 🏆 3. / 63 और पढो »
स्रोत: Dainik Jagran - 🏆 10. / 53 और पढो »
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »