आज की पॉजिटिव खबर: पुणे के सूरज बांस से बने टूथ ब्रश और कॉफी मग की देशभर में करते हैं मार्केटिंग, सालाना 10 लाख टर्नओवर

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आज की पॉजिटिव खबर: पुणे के सूरज बांस से बने टूथ ब्रश और कॉफी मग की देशभर में करते हैं मार्केटिंग, सालाना 10 लाख टर्नओवर pune toothbrush bambooproduct

प्लास्टिक वेस्ट हमारी सेहत के साथ-साथ पर्यावरण को भी काफी नुकसान पहुंचता है। पिछले कुछ सालों में प्लास्टिक वेस्ट को लेकर अवेयरनेस बढ़ी है। सरकार के साथ-साथ स्टार्टअप और इंडिविजुअल लेवल पर भी प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर काम हो रहा है, लेकिन अभी भी इसकी रफ्तार काफी धीमी है। देश में एक चौथाई प्लास्टिक वेस्ट ही रीसाइकिल्ड हो पाता है। इससे आप समझ सकते हैं कि यह कितनी बड़ी चुनौती है।

UK से लौटने के बाद सूरज भारत में वेस्ट मैनेजमेंट पर काम करने वाली एक कंपनी के साथ जुड़ गए। यहां करीब एक साल तक उन्होंने काम किया। इस दौरान कई शहरों में उन्होंने विजिट की और वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर काफी कुछ उन्हें सीखने को मिला। वे कहते हैं, 'अलग-अलग जगहों पर जाने के बाद हमें रियलाइज हुआ कि लोगों को जागरूक किए बिना इस परेशानी को कम करना मुमकिन नहीं है। सरकार चाहे कितना भी पैसा खर्च कर दें या फैसिलिटी दे दें, जब तक लोग खुद पहल नहीं करते तब तक कुछ नहीं हो सकता।'इसके बाद सूरज और उनके दोस्तों ने एक टोली बनाई। वे लोग अलग-अलग जगहों पर जाकर लोगों को वेस्ट प्रोडक्ट को लेकर जागरूक करने लगे। उन्होंने ठेले लगाने वालों को डस्टबिन प्रोवाइड किए। सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर वीडियो-फोटो शेयर किए। नदियों और तालाबों की सफाई शुरू...

सूरज कहते हैं कि हमने बांस से बने ब्रश, टंग क्लीनर, कॉटन बैग जैसे प्रोडक्ट के साथ मार्केटिंग शुरू की। पहले महीने में ही हमारा प्रयास सफल रहा और हम कई शहरों में लोगों तक पहुंचने में कामयाब रहे। पहले साल करीब 15 लाख रुपए का बिजनेस हमने किया था।साल 2020 की शुरुआत तक सूरज का काम जम गया। उन्होंने प्रोडक्ट की संख्या भी बढ़ा दी। अलग-अलग राज्यों में कारीगरों से उनका टाइअप भी हो गया, लेकिन इसी बीच कोरोना की एंट्री हो गई। लॉकडाउन लगा और कारीगरों का काम बंद हो गया। इस वजह से सूरज का भी काम प्रभावित हुआ।...

 

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जय हिंद

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