तो क्या पूरे प्रदेश में पेपर लीक करवाने वाले गिरोह का जाल फैला हुआ था और एसटीएफ इस ऑपरेशन में कब से सक्रिय थी? इस सवाल के जवाब में एसएसपी हेमराज मीना का कहना है, "उत्तर प्रदेश में जो भी परीक्षाएं होती हैं, उनके बारे में एसटीएफ़ को आदेश मिलते हैं कि परीक्षा में कोई भी फ़र्ज़ीवाड़ा ना हो. इसकी सूचना हमें परीक्षा का आयोजन करने वाली तमाम एजेंसीज़ से मिलती है. हम लोग पहले से ही अलर्ट रहते हैं. हमारी फ़ील्ड यूनिट्स से भी हमें लगातार जानकारी मिलती है.
पुलिस के मुताबिक़ तमाम गिरफ़्तारियों के बावजूद अभी तक लीक के सोर्स का पता नहीं चल पाया है. ज़ाहिर सी बात है कि सिक्योरिटी का प्रोटोकॉल सही तरीक़े से फ़ॉलो नहीं हुआ और जिस एजेंसी ने पर्चे की छपाई की वो इस काम को गोपनीय ढंग से कराने के लिए सक्षण नहीं थी.सूत्रों के मुताबिक़, 'जहाँ छपाई हुई वहां पूरी तरह से सिक्योर्ड प्रेस की सुविधाएँ नहीं थीं. इम्तिहान में प्रश्नपत्रों की एक चेन ऑफ़ सिक्योरिटी होती है. कहीं न कहीं उसमें चूक हुई और पेपर आउट हो गया.
"ये पूरा ऑपरेशन डिमांड बेस्ड होता है. जब पर्चा मिल जाता है तो उसकी पहली ख़रीद सबसे महंगी होती है क्योंकि पेपर आउट करवाने वाला जोखिम उठा रहा होता है. कई लोग पहले से ही पेपर लीक होने के इंतज़ार में रहते हैं और पैसा तैयार रखते हैं. और जैसे ही पेपर आया तो रियल टाइम डील की जाती है और पेपर बेच दिया जाता है."
परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे कुछ अभ्यार्थियों को पैसों की ज़रूरत हो सकती है, और उनको आत्मविश्वास होता है कि वो किसी परीक्षा में पास हो जायेंगे तो वो सॉल्वर बन कर पेपर देना शुरू कर देते हैं. नक़ल करने के तरीकों के हिसाब से अलग-अलग रेट होता है. मान लीजिए की अगर आप 2000 रुपए दे रहे हैं तो आप सिर्फ़ अगल-बगल बैठे अभ्यर्थियों से नक़ल कर सकते हैं. और मसलन अगर आप 5000 रुपए दे रहे हैं तो आप कुंजी या किताब रख कर इम्तेहान दे सकते हैं. और अगर आपके पास देने के लिए ठीक-ठाक पैसा है तो आपके साथ परीक्षा लिखने वाला व्यक्ति भी रहेगा.
पेपर तो लीक यूपी टीजीटी का भी हुआ था पर उसे पता नही क्यों रद नहीं किया था।
जैसे राजस्थान में होता है, पर बीजेपी तुमने घास डालती नही इसलिए कवरेज नहीं। राजस्थान में डोटासरा ने अपने रिश्तेदारों को RAS में सिलेक्ट करवा दिया शिक्षा मंत्री रहते हुए। लाइफ सेट बाकी जिंगालला 😆
Uper baithe neta karate hain croron kamaane keliye, jab k pakda jaata h bicholiya.
आज टेक सहारे बड़ी असानी से ले सकते परीक्षा सुरक्षित बच्चो की! पर अडिजिटल इंडिया! जीवन लेने को कोरोना हो या किसान!! डिजिटल इंडिया वसूली सरकार कोई मामला हो!
😝😝😝
बिना राजनीतिक उच्चतम स्तर पर साठगांठ के कोई भी ऐसा कृत्य संभव नहीं है! STF वगैरह सब दिखावा है, मूल अपराधी सरकार चला रहे हैं, वो कभी पकड़े नहीं जायेंगे न परीक्षा हाल-फिलहाल दोबारा होगी।
UPTET की छोड़ो REET राजस्थान की भी बात करो..….RPSC राजस्थान की भी बात करो ...कैसे रिस्तेदारों को नौकरियां मिल गई ...कैसे एक क्षेत्र के लोगो को नौकरियां मिली...कैसे कोचिंग सेंटर पर विशेष कृपा रही..…ये अन्वेषण ओर..…रिचर्स का विषय है.....बीबीसी जरूर इस पर ध्यान देगी
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