असम एनआरसी के समन्वयक हितेश शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर कर दावा किया है कि एनआरसी अपडेट करने की प्रक्रिया में कई गंभीर, मौलिक और महत्वपूर्ण त्रुटियां सामने आई हैं, इसलिए इसके पुन: सत्यापन की आवश्यकता है. सत्यापन का कार्य संबंधित जिलों में निगरानी समिति की देखरेख में किया जाना चाहिए.
शर्मा ने कहा कि खामियों को न्यायालय के समक्ष लाए जाने की आवश्यकता है, क्योंकि एनआरसी अपडेशन की प्रक्रिया शीर्ष अदालत की निगरानी में हो रही है और समूची एनआरसी अपडेशन प्रक्रिया ‘राष्ट्र की सुरक्षा एवं अखंडता’ से जुड़ी है. एनआरसी राज्य समन्वयक शर्मा ने दावा किया है कि कई अयोग्य व्यक्तियों को सूची में शामिल कर लिया गया है, जिसे बाहर किया जाना चाहिए.के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘असम में एनआरसी को अपडेट करने की प्रक्रिया में कई गंभीर, मौलिक और महत्वपूर्ण त्रुटियां सामने आई हैं. इसने पूरी प्रक्रिया को प्रभावित किया है और एनआरसी में शामिल एवं बहिष्कृत करने के लिए वर्तमान प्रकाशित की गई ड्राफ्ट एवं सप्लीमेंट्री सूची में कई त्रुटियां हैं.
एनआरसी राज्य समन्वयक ने पिछले साल दो जुलाई को हुई बैठक में सूचित किया था कि साल 2020 के दिसंबर अंत तक एनआरसी से बाहर किए गए लोगों को बहिष्करण पर्ची जारी कर दिया जाएगा.
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