प्रदेश में भाजपा के पैदा होने से पहले से यहां की मिट्टी से मेरा रिश्ता : पायलट

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Rajasthan प्रदेश में BJP4India के पैदा होने से पहले से यहां की मिट्टी से मेरा रिश्ता : SachinPilot assemblyelections2018

 

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BJP4India SachinPilot सचसहमत

BJP4India SachinPilot आप सही है तो सफाई क्यों दे रहे हो आपका हाल भी यही होने वाला है जैसे सिंधिया साहब के साथ वह कमलनाथ को आगे कर दिया वैसे ही गहलोत को आगे करेंगे और आप मूंगफली छ बातें रह जाएंगे जो बाबा अपनी मम्मी को हटाकर अध्यक्ष बन सकता है वह बाबा आप लोगों को क्या तुल देगा

BJP4India SachinPilot अच्छा लेकिन आपके पार्टी के अध्यक्ष कौन सी मिट्टी से जुड़े हैं बचपन से

BJP4India SachinPilot Sachin pilot son-in-law of Abdullah khan...u r not more Hindu...

BJP4India SachinPilot अपने पिता की संदिग्ध मौत की साजिश के लिए जिम्मेदार परिवार की चमचागीरी करने वाले कपूत जयचन्द,राजस्थान क्या भारत से भी तेरा कोई रिश्ता नहीं है। जबतक फारूक़ अब्दुल्ला से क्या सम्बन्ध है ये बात स्पष्ट नहीं करता।

BJP4India SachinPilot अरे बेटे तू देश द्रोही फारुक अब्दु्ला का क्या लगता है जरा बताओ जनता को फिर वोट मग्ना

BJP4India SachinPilot राजस्थान से कोई न तो रिश्ता है ना ही कोई नाता है ।

BJP4India SachinPilot पदाईस पे नही विकास की बात पर जाए

BJP4India SachinPilot The game of Dynasty...

BJP4India SachinPilot sala sabse bada hindu virodi h sale tu

BJP4India SachinPilot Ha kay is liye all india mein rishta nibha ne ke liye sirf aabdula hi mila kay

BJP4India SachinPilot चाहो जो दलीलें दे लो इस बार मोदी की लहर नही ,मोदी की आंधी में उड़ा देंगे।।

BJP4India SachinPilot इस मिट्टी में कब खेले हो, जरा बताओ।☺️

BJP4India SachinPilot Mulla ha.

BJP4India SachinPilot You did nothing for rajasthan while you were MINISTER in UPA government.

BJP4India SachinPilot देशद्रोही फारूक अब्दुल्ला से भि आपका पुराना रिश्ता है

BJP4India SachinPilot ओर देशद्रोही फारुख अब्दुल्ला से भी तेरा नाता है

BJP4India SachinPilot अंग्रेजो के दलालो का इतिहास देश मे भरा पड़ा है।

BJP4India SachinPilot Ye leader bahut aage jayega........

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उत्तर प्रदेश: दोबारा ऐतिहासिक जनादेश हासिल करने साथ आई सपा-बसपाउत्तर प्रदेश में सपा-बसपा, कांग्रेस से गठबंधन नहीं चाहते, या कांग्रेस अकेले लड़ना चाहती है, इस पर बहस जारी है। लखनऊ में सपा-बसपा की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस, तस्वीरों में एक साथ मौजूद आंबेडकर और लोहिया की तस्वीर के बाद दिल्ली दरबार का पूरा विमर्श बदल गया। उत्तर प्रदेश वह प्रयोगशाला है, जहां कांशीराम और मुलायम की लहर में भी गोरखपुर की सीट भाजपा के पास थी। इसके उलट जब बसपा को शून्य पर टिका और सपा को पारिवारिक सदस्यों के बीच सिमटा दिया गया था तब गोरखपुर अलग ही राजनीतिक मोड़ लेता है। 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश ने जो ऐतिहासिक जनादेश दिया था आज उससे उबरने के लिए सपा और बसपा साथ हैं। इस सूबे की राजनीति, केंद्र की भी राजनीति है। लोहिया-आंबेडकर की तस्वीरों को साथ रख इस समीकरण का उद्देश्य है अपने-अपने वोट बैंक को साध ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करना। केंद्र की राजनीति में सपा-बसपा के अंक मजबूत हों, इसलिए जरूरी है कि कांग्रेस का गणित बिगड़ जाए। संसद में आर्थिक आधार पर दस फीसद आरक्षण पर साथ-साथ चलने के बाद ये दोनों दल अपने-अपने वोट बैंक के पास उसी ‘पहचान’ के साथ लौट आए हैं जो इनकी बुनियाद हैं। बुनियादी विरोधाभासों के साथ वोट बैंक की ऊंची इमारत पर बैठे दोनों दलों की साझीदारी से निकले पाठ पर इस बार का बेबाक बोल।
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