चुनाव में हार के बाद अब आभार यात्रा निकालेंगे शिवराज, प्रदेश के 52 जिलों में जाएंगे

  • 📰 Dainik Bhaskar
  • ⏱ Reading Time:
  • 1 sec. here
  • 2 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 4%
  • Publisher: 51%

इंडिया मुख्य बातें समाचार

इंडिया ताज़ा खबर,इंडिया मुख्य बातें

चुनाव में हार के बाद अब आभार यात्रा निकालेंगे शिवराज, प्रदेश के 52 जिलों में जाएंगे MadhyaPradesh

 

आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद। आपकी टिप्पणी समीक्षा के बाद प्रकाशित की जाएगी।

मामाजी आप पर गर्व है

ChouhanShivraj yahi kaam to reh gaya hai bklodo tumhare paas. Yeh sab band karo or jo MLA bane hai unko yeh bolo ki jo bhi hua bhulo or apne apne area mai sirf or sirf development kare or Corruption yojgar and garibi kam karne ke kaam kare. Abb bhi maan jao

Jai maharashtra news posted ask lost how

जिन्होने समर्थन दिया जिन्होने नहीं दिया दौनों आभार व्यक्त करना आपके गरिमा को ही बढ़ाएगें। अवश्य जाना चाहिये।

Kis ke paise se?

Fekne ke liye feku

जय हो शिवराज सरकार।

ChouhanShivraj Good job 👍👍 Sir

2019 के लिए रथ यात्राएं शुरू हो गई।

arjun03999449 मान्य शिवराजसिंह चौहान जी आप सबसे हट के, सबसे अलग है आप शानदार, जानदार, मानदार, मेहनतदार हो आपमें सरलता,विन्रमता, एकाद्रता और सादगी है

यह है जनता से जुड़े होने का साक्ष्य।सामान्यतः नेता हारने के बाद जनता में जब आता है जब चुनाव होने को हों या कोई घटना हो जाये तो उसको भुनाने के लिए।

SengarAjay505 ChouhanShivraj Great One Sir You are true leader, lots of love and respect for you.more power to you Sir for 2019 election Dil Se Sir Pranam 🙏

राज तो भल्लालदेव ने भी किया था मगर जनता के दिल पर राज सिर्फ महेंद्र बाहुबली ने किया

SengarAjay505

शुभकामनाएं शिवराज जी यह लोकतंत्र नही भीडतंत्र है,यहां वही टिकेगा जो सबसे ज्यादा नकद बिना काम के देगा अर्थात हराम का,लोग आज की सोचते है कल की नही। किसान जो जानबूझकर कर्जा नही चुकाता उसे कर्ज माफी की लत लग चुकी है, २००८ मे ७००००करोड का कर्जा माफ, फिर वहीं माँग? गरीब चुका देता है

शिवराज जी आभार यात्रा क्यो?उसकी जगह अपने शहर के लिए कुछ नेक काम करिये।इतने सारे जिलों में जाने से क्या होगा? केवल wast of money.

nanditathhakur ChouhanShivraj सॉरी सर, केंद्र की बेवकुफी, अदुर्दर्शिता के कारण, बिजेपी का महल गिरा !

अब की बार दूर से आभार 🙏

iPurohitHarshal एक तरफ जहाँ बॉलीवुड सेलिब्रिटी अपनी शादी को विदेशों से जोड़कर स्टेटस सिंबल बना रहे हैं वहीं मुकेश अम्बानी ने भारत मे हो रही अपनी बेटी की शादी में हिलेरी क्लिंटन, बियोंसे को नचा कर, सलमान को बैकस्टेज डांसर बना कर स्टेटस शब्द का असली मतलब दुनिया को समझा दिया है।

nanditathhakur Good move

यह होता है जज्बा प्रणाम है ChouhanShivraj जी

बस करो दद्दा अब घरे बैठो

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

 /  🏆 19. in İN

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

मध्य प्रदेश: चुनाव मैदान में उतरे शिवराज के 27 में से 13 मंत्री हार गएमुख्यमंत्री शिवराज चौहान के मंत्रिमंडल में उन्हें मिलाकर कुल 32 मंत्री थे, जिनमें से 27 ने चुनाव लड़ा था. 14 मंत्री अपनी सीट बचाने में सफल रहे. इनमें से कई काफी जद्दोजहद के बाद जीत दर्ज कर सके. KailashOnline Itna bhi kya vikash kar diya tha? हाटपीपल्या मंदसौर नहीं देवास जिले के अन्तर्गत आता है Mamaji Ko Mandsaur Ke Shaheed Kisano Ke Pariwaron Ki Aah Lag Gayi?
स्रोत: द वायर हिंदी - 🏆 3. / 63 और पढो »

विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद असम से भाजपा के लिए खुशखबरी- Amarujalaअसम के पंचायत चुनाव में भाजपा की जीत की लहर जारी है। पार्टी लगातार जारी मतगणना के तीसरे दिन शुक्रवार को अपनी प्रतिद्वंदी
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »

MP Election Exit Poll/ मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव का एग्जिट पोल आज शाम; भाजपा और कांग्रेस के बीच है मुकाबलामध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh assembly polls 2018) के लिए 28 नवंबर को मतदान हुआ था। चुनाव आयोग के मुताबिक 75% मतदान हुआ। यह 2013 चुनाव से करीब 3% ज्यादा है। छत्तीसगढ़ के अलग होने के बाद मध्यप्रदेश में पहली बार 2003 में मतदान हुआ था। तब 67.25% वोट पड़े थे। यह 1998 में संयुक्त मध्यप्रदेश में हुए मतदान से करीब 7% ज्यादा था। 2003 में राज्य की 230 सीटों में से भाजपा को 173 और कांग्रेस को 38 सीटों पर जीत मिली थी। इसके बाद 2008 के चुनाव में 69.28% वोटिंग हुई, तब भाजपा को 143 और कांग्रेस को 71 सीट मिली। 2013 में राज्य में रिकॉर्ड 72.07% वोटिंग हुई। इस चुनाव में भाजपा को 165 और कांग्रेस को 58 सीटों पर जीत मिली। वोटिंग प्रतिशत के लिहाज से पिछले 4 चुनावों का आंकलन करें तो जब-जब वोटिंग में ज्यादा इजाफा हुआ है, तब-तब राज्य में भाजपा को सीटों का फायदा हुआ है। मध्यप्रदेश में पहली बार 1951 में वोट पड़े थे। 70% से ज्यादा वोटिंग अब तक राज्य में सिर्फ 2 बार 2013 और 2018 में हुई है। BJP4India INCIndia I have never failed in my political opinion lets see this time.🙏 Predictions as under MP: BJP 127+ Congress 85+ Rajasthan: BJP 105+ Congress 85+ Chattattisgarh: Bjp 60+ Congress 22+ * '+' indicates max 5 seats
स्रोत: Dainik Bhaskar - 🏆 19. / 51 और पढो »

हार के बाद BJP ने 2019 के चुनाव के लिए भरी हुंकार, रणनीति तैयारसमझा जाता है कि पार्टी नेतृत्व ने सभी प्रदेश अध्यक्षों से जमीनी स्तर पर पार्टी के प्रदर्शन की रिपोर्ट मांगी है. इसमें राजनीतिक चुनौतियों पर जानकारी जुटाने के साथ-साथ संगठन से जुड़ी चीजें और भविष्य के लिए रोड मैप तैयार करने पर भी जोर दिया गया है. Himanshu_Aajtak Matlab jumlebaazi dekhne ko milegi, vikas nahi😤 Himanshu_Aajtak ये हथियार नहीं होगा. कोई और dhund लो अब ये फेकू जुमलेबाज को जनता pehchan गई है ये ख़ुद चोर है और बड़े उद्योगपती के लिए चोरी कर रहा है अब ये खोटा सिक्का नहीं चलेगा Himanshu_Aajtak विकास कहा गायब हो गया विकास का मुद्दा रखिए लोकसभा चुनाव में रोजगार कहा है राम मंदिर का मुद्दा रखिए क्योंकि मंदिर बनाना तो है नहीं ......दिल को देखो चेहरा ना देखो चेहरे ने लाखों को लूटा दिल
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

हरियाणाः निकाय चुनाव में बीजेपी का परचम लहराया, 5 शहरों में मेयर के चुनाव जीतेयह पहली बार है जब पांच नगर निगमों के मेयरों का चुनाव सीधे-सीधे जनता ने किया. इससे पहले पार्षद मेयर का चुनाव करते थे. इसके अलावा हरियाणा चुनाव आयोग ने इस चुनाव में ‘इनमें से कोई नहीं’ यानी नोटा के विकल्प को एक ‘‘छद्म उम्मीदवार’’ के तौर पर इस्तेमाल करने का भी फैसला किया. ArvindKejriwal ये क्या हो रहा है 😂 शहरी बोटर भाजपा को है ही इसमे नया क्या है। असल परिक्षा तो ग्रामीण क्षेत्र है जो भाजपा से 90% पिछर रहा है।
स्रोत: ABP News - 🏆 9. / 59 और पढो »

आम चुनाव के साथ J-K में विधानसभा चुनाव कराने में कोई आपत्ति नहींः गृह मंत्रीगृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा चुनाव संपन्न कराने के लिए सुरक्षा बल मांगे जाने पर पर्याप्त सुरक्षा कर्मी मुहैया कराए जाएंगे. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के सांविधिक संकल्प पर राज्यसभा में हुई चर्चा के जवाब में यह बात कही. हलात इतना खराब भाजपा कर कि जनता जहाँ पहले 30% बोट होता था अब 5% हो रहा है। वाह साब क्या बात है मा गृहमंत्री जी आप पर देश गर्व करता है सरदार पटेल के बाद देश को 70 साल बाद एक कुशल गृहमंत्री मिला है।
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

हार के बाद बंगाल की U-19 हॉकी टीम के खिलाड़ियों के सिर मुंडवाएU 19 Bengal hockey squad shaved their heads हॉकी मैच में हार के बाद बंगाल के खिलाड़ियों से सिर मुंडवाने के लिए कहा गया. Will Mahagahtbandhan do the Same after Modified defeat.. 😂😂 Necessary actions should be taken It is very shameful.. If its happens
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »

अमित शाह का रिपोर्ट कार्ड: 2014 में चार सरकार, 2018 में हार ही हार!Rajasthan, MP, Chhattisgarh Election Result 2018: 2015 में नहीं गली दाल, 2016 में खुला पूर्वी द्वार, 2017 में बचाया किला, 2018 में नौ में से छह राज्यों में हालत खस्ता\n\n
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »

ऐसा रहा तो 2019 में क्या होगा बीजेपी का हाल?प्रेस रिव्यू: विधानसभा चुनाव में हार से 2019 में बीजेपी पर क्या होगा असर? अबकी बार RahulGandhi पंतप्रधान Bjp ka fir se supda saf ha jayega केवल bjp को किसानों की अनदेखी महंगी पड़ी। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के किसानों को चीनी मिल मालिक बर्बाद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है। तभी तो पिछले साल के खरीदे गन्ने का भुगतान नहीं किया वहीं इस वर्ष का खरीदे गन्ने के भुगतान की ना कोई बात कर रहा है।
स्रोत: BBC News Hindi - 🏆 18. / 51 और पढो »

2019 : पाठ दोबिना किसी बड़े आंदोलन, सड़कों पर विरोध प्रदर्शन के भारतीय संसद ने सामान्य वर्ग के लोगों के लिए आर्थिक आधार पर दस फीसद आरक्षण के विधेयक को पास कर दिया। इस ऐतिहासिक फैसले का ठीकरा फोड़ा गया तीन राज्यों में भाजपा की हार पर, लेकिन राजद और दक्षिण भारत के कुछ दल छोड़ सभी इस फैसले के साथ खड़े हुए। वह कांग्रेस भी साथ थी, जिसे हिंदी के तीन हृदय प्रदेशों में जीत मिली थी। माकपा जैसे वाम दल ने संसद में इस आरक्षण को वोट दे बाहर आकर बस अलग सा प्रेस नोट ही जारी किया। विरोध के दो ही बिंदु एक तो ऐन लोकसभा चुनाव और शीतकालीन सत्र के अंतिम समय में इसे लाने की अवधि और गरीबी के दायरे में आने वाली आठ लाख से कम सालाना आमदनी की सीमा है। आम चुनावों के पहले साल के दूसरे हफ्ते का पाठ यही है कि रोजगार का संकट सब समझ रहे और समाधान किसी के पास नहीं। समस्या और समाधान के बीच आरक्षण के मरहम पर बेबाक बोल।
स्रोत: Jansatta - 🏆 4. / 63 और पढो »