सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के डेटा से वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल पर्चियों का 100 फीसदी मिलान की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने तकनीक से जुड़े चार- पांच और बिंदुओं पर जानकारी लेने के बाद दूसरी बार फैसला सुरक्षित रख लिया. यानी अब फैसले का इंतजार शुरू हो गया है. उम्मीद है कि चुनाव खत्म होने से पहले निर्णय आ जाए. SC में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने साफ कहा कि हम चुनावों को कंट्रोल नहीं कर सकते हैं.
Advertisement'ADR ने क्या दलील दी'याचिका कर्ता में एक ADR के वकील प्रशांत भूषण ने दलील दी कि हर माइक्रोकंट्रोलर में एक फ्लैश मेमोरी होती है. ये कहना ठीक नहीं होगा कि फ्लैश मेमोरी में कोई दूसरा प्रोगाम फीड नहीं किया जा सकता है. इस पर चुनाव आयोग के अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि एक वोटिंग यूनिट में एक बैलट यूनिट,कंट्रोल यूनिट और एक VVPAT यूनिट होती है. सभी यूनिट में अपना अपना माइक्रो कंट्रोलर होता है. इन कंट्रोलर से छेड़छाड़ नहीं हो सकती.
सुप्रीम कोर्ट ईवीएम ईवीएम वीवीपैट Election Commission Supreme Court EVM EVM VVPAT
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