UP: स्कूलों के टॉयलेट खस्ता हाल, टीचर्स की मांग- हर माह दें 3 दिन की 'पीरियड लीव'

  • 📰 Jansatta
  • ⏱ Reading Time:
  • 24 sec. here
  • 2 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 13%
  • Publisher: 63%

इंडिया मुख्य बातें समाचार

इंडिया ताज़ा खबर,इंडिया मुख्य बातें

महिलाओं ने मांग उठाने के लिए बनाई अलग एसोसिएशन, कहा- ज्यादातर संगठनों में पुरुष होते हैं प्रमुख, इसलिए आगे नहीं बढ़ती उनकी बात...

उत्तर प्रदेश में हाल ही में गठित हुए एक महिला टीचरों के एसोसिएशन ने हर महीने तीन दिन पीरियड लीव की मांग कर दी है। इस संगठन का कहना है कि राज्य में सरकारी स्कूलों में टॉयलेटों की हालत बेहद खराब है, ऐसे में उन्हें ये छुट्टी दी जानी चाहिए। इस अभियान को चलाने वाले उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ का नेतृत्व यूपी बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़ी शिक्षिकाएं कर रही हैं। यह महिलाएं अब तक यूपी सरकार के कई मंत्रियों तक अपनी बात पहुंचा चुकी हैं, साथ ही वे अब सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों को भी अपनी इस मुहिम...

स्कूलों में करीब 60-70 फीसदी टीचर महिलाएं हैं। ज्यादातर टीचर्स एसोसिएशन में हमें पद दे दिए जाते हैं, लेकिन इन्हें चलाने वाले अधिकतर पुरुष ही होते हैं और वे ऐसे मुद्दे आगे नहीं बढ़ाते। जबकि हम महिलाओं के लिए यह एक बड़ी चिंता की बात है।" इस बीच अगर सरकारी आंकड़ों की बात की जाए, तो तस्वीर अलग ही दिखाई देती है। 2017-18 के DISE के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य के 95.5 फीसदी स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग से चलता टॉयलेट है। यह आंकड़ा राष्ट्रीय औसत- 93.

 

आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद। आपकी टिप्पणी समीक्षा के बाद प्रकाशित की जाएगी।
हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

 /  🏆 4. in İN

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

भारत में फिर महिलाओं की जिंदगी के फैसले ले रहे पुरुष | DW | 30.07.2021वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम की लैंगिक समानता दिखाने वाली 'ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स' रिपोर्ट में भारत 156 देशों की लिस्ट में नीचे से 17वें स्थान पर चला गया है. जिसका मतलब हुआ कि यहां महिलाओं की स्थिति लगातार खराब हो रही है. wef 😂😂
स्रोत: DW Hindi - 🏆 8. / 63 और पढो »

स्‍टूडेंट्स की बढ़ती संख्‍या के बीच अमेरिका जाने वाली फ्लाइट्स की संख्‍या दोगुनी करेगा एयर इंडियाNDTV की पूछताछ पर प्रतिक्रिया देते हुए एयर इंडिया ने कहा, कोरोना के केसों में आए हाल के उछाल और अमेरिकी राष्‍ट्रपति की भारत से आने वाली फ्लाइट्स की संख्‍या को सीमित करने के ऐलान के मद्देनजर हमें अपनी अमेरिका की कुछ फ्लाइट, जिसमें मुंबई और नेवार्क के बीच की फ्लाइट शामिल हैं, को कैंसल करना पड़ा था. यात्रियों को इस कैंसलेशन के बारे में पहले ही बता दिया गया था और यह स्थितियां हमारे नियंत्रण के बाहर थीं. एयर इंडिया जिन्दा है क्या ❓️❓️ एयर इंडिया तो बिक चुकी है ना।
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »

एस्ट्राजेनेका: अमेरिका में अपने कोविड टीके की अनुमति के लिए साल के अंत में करेगी आवेदनएस्ट्राजेनेका: अमेरिका में अपने कोविड टीके की अनुमति के लिए साल के अंत में करेगी आवेदन LadengeCoronaSe Coronavirus Covid19 CoronaVaccine OxygenCrisis OxygenShortage PMOIndia MoHFW_INDIA ICMRDELHI
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »

झारखंड के धनबाद में एक जज की मौत के मामले ने तूल पकड़ा - BBC News हिंदीधनबाद के ज़िला और सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत का मामला सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद उलझ गया है. जज लोया के बारे में कभी सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान क्यो नही लिया 🤔🤔🏹 आप कितने न्यायप्रिय हैं - - - हत्या को मौत लिख रहे हैं और जहां मौत हुई वहां हत्या लिख रहे थे... शर्माजी पर एक जज स्पेश्यल कन्टम्ट लगाऐ!HC मे शायद 57 दिन का ऐक दूसरा सवा पाँच साल का बच्चा! सब छिना होते 3 दिन HC मे रजिस्ट्रार घुमाऐ! पर शर्माजी मे बदले की भावना मैने कभी नही पाई! सभी धर्म जाति उनसे नराज ऐक जैन बिना बताऐ उनकी स्थति समझ नोमिनी बना गऐ उनने न लिया! संयम मे सुख!
स्रोत: BBC News Hindi - 🏆 18. / 51 और पढो »

सफलता: गुजरात एटीएस की गिरफ्त में 2500 करोड़ की ड्रग्स के मामलों में वांछित आरोपीसफलता: गुजरात एटीएस की गिरफ्त में 2500 करोड़ की ड्रग्स के मामलों में वांछित आरोपी Gujarat ATS =CrimeNews Drugs
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »

दिल्ली: कोविड लॉकडाउन के दौरान ज़रूरी उपकरणों के अभाव में 25 सफाईकर्मियों की मौतदिल्ली हाईकोर्ट की पीठ उस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सफाईकर्मियों की लंबित तनख़्वाह जारी करने, उन्हें चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ निजी सुरक्षा उपकरण भी उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि इन सफाई कर्मचारियों और उनके परिवारों के इलाज और देखभाल के साथ-साथ चिकित्सा बीमा की कोई सुविधा प्रतिवादियों- केंद्र, दिल्ली सरकार और सफाई कर्मचारी आयोगों द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई है.
स्रोत: द वायर हिंदी - 🏆 3. / 63 और पढो »