Subscribeउत्तर प्रदेश में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए सभी दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। बहुजन समाज पार्टी ने एक बार फिर अपने सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले को अपनाया है। इसके तहत बसपा ने ब्राह्मणों को एकजुट करना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने अयोध्या से ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत की। इस मौके पर उन्होंने यूपी में ब्राह्मणों के एनकाउंटर का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि ब्राह्मणों के एनकाउंटर का बदला लिया...
योगी सरकार पर हमला करते हुए मिश्रा ने कहा कि यूपी में 13% ब्राह्मण हैं, फिर भी हाशिये पर हैं। इसका कारण है कि ब्राह्मण एकजुट नहीं हो पा रहा हैं। ब्राह्मणों को एकजुट होना पड़ेगा। असली ताकत तभी मिलेगी, जब ब्राह्मण एकजुट होगा। 13% ब्राह्मण व 23% दलित एक हो जाएगा तो सरकार बनने से कोई नहीं रोक पाएगा। ब्राह्मण समाज बुद्धजीवी समाज है। हाथी नहीं गणेश है, ब्रम्हा विष्णु महेश है।सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि बसपा सरकार में 62 सीट ब्राह्मणों ने जीता। ब्राह्मण समाज के कारण ही बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार आई...
विकास दुबे ने जिन पुलिस वालों को मारा वो भी ब्राह्मण थे , जो उसके लिए जासूसी करते थे वो भी ब्राह्मण थे, जिन्होंने दुबे का एनकाउन्टर किया वो भी ब्राह्मण थे । बस एक तू ही ऐसा ब्राह्मण के नाम पर कलंक है जो मायावती के तलवे चांटता है जो ब्राह्मण को ' मारो जूते चार ' कहती है।
इस गरीब ब्राह्मण का इनकाउंटर मायावती रोज करती है , बस इसे पता नहीं चलता
Does BSP have anything else to offer other than caste based politics?Shameless creed.
aa gye yaad brahmin, agar aisa hi h to kr do arakshan bund
भारतमे राजनेताओंने हिन्दुओ को टुकड़ो में बांट कर कुर्सी सुरक्षित में हिन्दुओ को ही कमजोर करते आये है। इनकाउंटर किसीका भी हो सकता है जो समाज विरोधि देशविरोधी कार्यमे संलिप्त होकर कानूनकी धज्जियां उड़ाएगा।हिन्दुओ ये नेता अपने कुर्सीके लिये बांटनेका ही कार्य करता है साथ कोई नही देगा
एनकाउंटर में मारे गए ब्राह्मण पुलिस वालों का बदला कौन लेगा मिश्रा जी
kya aap log janta ko bewakoof samajhte h, ek apradhi ka encounter hua, na ki kisi jaati ka, aur aiso ko brahmin nhi danav kahte h, aur sab jante h h ke mayawati ne general jaati ke sath kaisa vyavhar kiya tha, ghoob jail karai thi gen walo ko
ये कहो कि चुनाव आ गया ... वाह रे बरसाती मेंढक
आखिर आ ही गई ब्राह्मणों की याद क्योंकि कुर्सी का स्वाल है?क्या भूल जाएं मायावती का नारा ' ब्राह्मण, बनिये को मारो जूते चार' अब आप को क्यों आने लगे याद?
बहन जी का चप्पल उठाने वाला अपने को ब्राह्मण वोट का ठेकेदार समझ रहा है?ब्राह्मण हमेशा समाज को दिशा दिखाते चला आया है ।उसे दिग्भ्रमित नहीं कर पाओगे ।
Ye hunkar hai ya jatya danga bharkane ki Koshish
वाह ब्रामणवादी,अब कितने असहाय ब्राह्मणों का भला किया है, चुनाव में ब्राह्मण याद आने लगे।
जो लोग सन 2021 में भी जाति से ऊपर नही सोच पा रहे वो देश का क्या भला करेंगे? वोटों के सौदागरों से जनता को होशियार रहना चाहिए।
तिलक तराजू और तलवार इनको मारो जूते चार का नारा देने वाले आज ब्राह्मण के लिए बदला लेंगे
Inko bolo tum Brahman ho hi nahi sakte Brahman shabd to bhagwan ram se juda hai
मिश्रा जी जाति बदल लिए ?
आप वही हो न जिन्होंने कहा था तिलक तराजू और तलवार इनको मारो जूते चार।। कुछ याद आया की खाने के बाद आयेगा
इसमें ब्राह्मण शब्द जोड़कर क्या साबित करना चाहते हो कि तुम और तुम्हारी बसपा की सरकार ब्राह्मण हितैषी है। अरे जिस मायावती ने अपने शासन काल में बसपा ब्राह्मण विधायको के हाथ से कलावा तक कटवा देती थी आज वो ब्राह्मण की दुहाई दे रही है। और अपराधियों का कोई जाति नहीं होता मिश्रा जी।
UP में सैकड़ो एनकाउंटर हुऐ हैं, उसमें बहुत से अपराधी मारे भी गए हैं, उनमें एक दुर्दांत अपराधी विकास दुबे जो ब्राह्मण था मारा गया। इसको मुद्दा बनाकर राजनीतिक रोटी सेकना माना जाएगा। राजनीतिक दल किस स्तर तक गिर चुके हैं इसका यह जीता जागता उदाहरण है।
इन जैसे गद्दारो ने ही भारत को गुलाम बनाया।इन हरामखोरो की सोच जो गुंडों को रहनुमा बताकर ब्राह्मणों को भड़का कर सत्ता हथियाने का मंसूबा सजोये बैठे है।इन मूर्खो की बात बुरहनवानी अफ़ज़ल गुरु को शहीद बताने वाली जैसी मानसिकता का द्योतक है।चुनावो में हराकर ओकात दिखानी चाहिए
अब तक बिल में छिपे थे .....निकल पड़े है ठेकेदार .
Tilak Taraju Talwar and Karmyodhdha are with BJP. They will never go with BSP
अपराधी ब्राह्मण का बदला लोगे लेकिन उस अपराधी ने जिन ब्राह्मण पुलिस वालों को मारा उनका बदला नही लेना था क्या बहुत अच्छा किया जो चुनाव से पहले बात दिया कि मायावती की पार्टी आतंकवादी विकास दुबे के साथ है जिसने पुलिस वालों को मारा था
Karsevak?
बदमाश और माफिया का कोई मजहब नहीं होता। एक आंसू जो पुलिस वाले मारे गए थे उनके लिए बहाते तो अधिक अच्छा होता। पुलिस वाले किस मजहब के थे।
अपराधी की जात धर्म देख कर बसपा की सरकार में एनकाउंटर होता था ।
वाह रे चुनावी गिद्ध , वो दिन भूल गए क्या । तिलक, तराजू और तलवार, पलट गई बसपा सरकार - तिलक, तराजू और तलवार, पलट गई बसपा सरकार
अपराधी किसी भी जाति और धर्म का हो वो छोड़ा नही जाएगा जय योगी राज
Apradhi ki koi cast nahi hoti.bsp,sp,congress, support karti hai gunda and maafiyo ko.
विकाश दुबे ने कई पुलिस वालों को मौत के घाट उतार दिया था, अब Mayawati की पार्टी एक अपराधी को मशीहा बना रही है।
भूल गए तिलक तराजू ओर तलवार इनको मारो जुते चार
वो अपराधी थे कोई निर्दोष नही लानत है वोट बैंक की इस ओछी राजनीति पर 😡
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