संविधान संशोधन बिल मंगलवार को लोकसभा से पास हो गया. बिल में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति समुदायों के आरक्षण को दस वर्ष बढ़ाने का प्रावधान है. फिलहाल आरक्षण 25 जनवरी, 2020 को समाप्त हो रहा है. बिल में इसे 25 जनवरी, 2030 तक बढ़ाने का प्रावधान है. वहीं संसद में एंग्लो इंडियन कोटे को भी खत्म करने का बिल में प्रावधान है. बता दें कि 70 साल से इस समुदाय के दो सदस्य सदन में प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं.
हालांकि कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी और बीजेडी के सांसदों ने विरोध किया और कहा कि मंत्री का डेटा घोर अतिशयोक्ति है. कांग्रेस की सांसद हिबी ईडन ने एससी/एसटी समुदायों के लिए आरक्षण के विस्तार का समर्थन तो किया लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि मंत्री ने सदन को गुमराह किया है. अकेले मेरे निर्वाचन क्षेत्र में लगभग 20,000 से अधिक एंग्लो इंडियन हैं.तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने कहा कि यह असंवैधानिक प्रवृत्ति का विधेयक है. इसमें संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन किया गया है जो सभी को समानता का अधिकार देता है.
आरक्षण को आर्टिकल 334 में शामिल किया गया है. आर्टिकल 334 कहता है कि एंग्लो-इंडियन, एससी और एसटी को दिए जाना वाला आरक्षण 40 साल बाद खत्म हो जाएगा. इस खंड को 1949 में शामिल किया गया था. 40 वर्षों के बाद इसे 10 वर्षों के विस्तार के साथ संशोधित किया जा रहा है.
ऐसा ही है न मोदी जी?
मोदी जी आरक्षण न हटा के कम से कम एक लाइन ही जोड़ देते की जो परिवार एक बार आरक्षण का लाभ पा चुका है उसे दोबारा न मिल कर किसी दूसरे गरीब को मिले जिससे उसका भी भला हो पर कहाँ ऐसा करते?कसम जो खाये है की रामविलाश जैसों को ही लाभ देंगे आरक्षण का
हमे नहीं चाहिए एसे आरक्षित सीट से बने नेता जो अपने समाज के लिए आवाज भी नहीं उठा सकते राजनैतिक आरक्षण बंध करदो वैसे भी एसे नेता पार्टी के गुलाम से ज्यादा कुछ नहीं होते
That means it will keep extending fir eternity
'आरक्षण एक धब्बा'
बहुमत की जीत होती हैं अल्पमत के साथ क्या होता है उसकी फिक्र करने की जरूरत नहीं बहुमत क्या चाहता है ये महत्वपूर्ण है
हमे नहीं चाहिए एसे आरक्षित सीट से बने नेता जो अपने समाज के लिए आवाज भी नहीं उठा सकते राजनैतिक आरक्षण बंध करदो वैसे भी एसे नेता पार्टी के गुलाम से ज्यादा कुछ नहीं होते
कभी गरीबो के लिए कुछ करने का कानून बनेगा या Congress और Bjp के राज में केवल धर्म और जाति के आधार पर ही आरक्षण हमेशा मिलता रहेगा ?
मीडिया क्यों गुमराह कर रही हैं पूरा क्यो नही बताती हैं कि ये आरक्षण राजनैतिक आरक्षण हैं जिससे एमएलए एमपी के लिए एससी एसटी आरक्षित सीट होती हैं वह आरक्षण हैं नाकि शैक्षणिक एवं नौकरी संबधित आरक्षण
नाराज नहीं बस हैरान हूं
No.recruitment of govt jobs What is use of this reservation
कब तक दबाव में काम करोगे मोदी जी आखिर क्यों देश के पैरों में आरक्षण की जंजीरें जकड़ रहे हो narendramodi AmitShah BJP4India
आरक्षण बढाकर सामान्य वर्ग को भारतीय संसद ने फिर एक बार 10 वर्ष की सजा दी. जय हो वोट बैंक की राजनीति की
यह चीज कांग्रेस के सांसद भी अच्छी तरह समझते हैं कि संशोधन बिल हमारे बच्चों की भलाई के लिए है और सब के बच्चों की भलाई के लिए है आगे सब के बच्चे सुखी हो जाएंगे लेकिन फिर भी कांग्रेसी विरोध करती है यह राजनीति छोड़कर बिल का समर्थन करना चाहिए कांग्रेस के सांसदों को सच को स्वीकार
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