Subhash Chandra Bose Jayanti नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर सरकारी छुट्टी मिलती रही है, लेकिन झारखंड में 2015 से इसे बंद कर दिया गया। बंग परिषद के आवेदन पर अब पता लगाया जा रहा है कि आखिर किसके आदेश पर सुभाष जयंती की छुट्टी रद हुई। आवेदन सरकार के माध्यम से कार्मिक विभाग में पहुंचा है और जाहिर सी बात है कि छुट्टी रद हुई होगी तो सरकार के तमाम वरिष्ठ लोगों की अनुमति मिलने के बाद ही। लेकिन, अब कोई बोलने को तैयार नहीं...
कारण यह कि सत्ता बदल गई है और फाइलों में कोई ठोस कारण दर्ज नहीं है। अलग राज्य बनने के बाद से 2014 तक नेताजी के नाम पर सरकारी छुट्टी मिलती रही है, लेकिन 2015 से इसे बंद कर दिया गया। आजादी के दशकों बाद भी नेताजी की अहमियत पूरे प्रदेश में सामाजिक और राजनीतिक तौर पर अहम है। झारखंड से नेताजी सुभाष चंद्र बोस का गहरा रिश्ता रहा है और आखिरी बार वे गोमो रेलवे स्टेशन से ही ट्रेन पकड़कर रवाना हुए थे।
यहां कांग्रेस के रामगढ़ अधिवेशन में वे पहुंचे थे और गांधी के समानांतर सहजानंद सरस्वती के साथ मिलकर अलग सभा की थी। रांची में लालपुर स्थित डॉ. सिद्धार्थ मुखर्जी के पिता क्रांतिकारी यदुगोपाल मुखर्जी से भी वे मशविरा लिया करते थे। झारखंड में रहने वाले बंगाली समाज के लोग और बंगभाषी समुदाय नेताजी को इन्हीं कारणों से लगातार याद रखे हैं और उनकी जयंती पर तरह-तरह के आयोजन होते हैं।
छुट्टियां रद होने से समुदाय आहत है और इसी आलोक में सरकार का पत्र लिखकर हिनू बंग परिषद ने फिर से छुट्टियों को बहाल करने की मांग की है। सूत्रों के अनुसार सरकार इस मामले में सकारात्मक तरीके से विचार कर रही है। कोशिश यह है कि जब विश्वविद्यालयों में इसकी छुट्टी अभी भी दी जा रही है, तो सरकारी छुट्टी क्यों बंद हो। ज्ञात हो कि राज्य में कार्यपालक आदेश से यह छुट्टी लोगों को मिल रही थी, जिसपर राज्य सरकार का निर्णय ही मान्य होता है।सुभाष जयंती पर न सिर्फ छुट्टी होनी चाहिए, बल्कि संस्थानों में उनके योगदान...
तो यूपी में कौन सा होती है
जिन्होंने वोट दिया उन्हें खुशी होनी चाहिए 🤔
Congresii never want their eco system to go in vein
Desh ke gaddaro ko sabak shikhana hoga,Netaji phir se desh mei anaa hoga...
Shame
गुजरात में भी शायद नेता जी के जन्मदिन की छुट्टी नहीं दी जाती
शर्मनाक निर्णय।
भारत में नेता सुभाष चंद बोस से बड़ा न राष्ट्र भक्त न होगा ।
Jharkhand deserves this by their voting skil
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