#जीवनसंवाद: डिप्रेशन, आत्महत्या और प्रवीण कुमार!

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JeevanSamvad: हर साल भारत में तनाव और अकेलेपन की वजह से बढ़ रही आत्महत्या में अपने प्रियजन को खोने वाले लोग प्रवीण के परिवार की तरह किस्मत वाले नहीं होते. अक्सर हमें उनके नहीं रहने की कहानियां पढ़ने को मिलती हैं. जीवनसंवाद -DayashankarMi

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पर महत्वपूर्ण सामग्री है. यह उन सभी को पढ़ना चाहिए जिनकी रुचि जीवन और उससे जुड़े विषयों पर है. उनके लिए खास तौर पर जो यह मान बैठते हैं कि कामयाबी संघर्ष का अंत है. जबकि असल में कामयाबी तो संघर्ष का नया अध्याय है. प्रवीण की कहानी में इतने मोड़ हैं कि उस पर बड़ी आसानी से एक फिल्म बनाई जा सकती है. कहानी और उपन्यास भी लिखा जा सकता है.

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

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