Chhattisgarh High Court : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप की अवधारणा भारतीय संस्कृति के लिए कलंक बनी हुई है, क्योंकि यह पारंपरिक भारतीय मान्यताओं के खिलाफ है। जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस संजय एस.
अग्रवाल की खंडपीठ ने कहा कि यह पश्चिम सभ्यता है, जो भारतीय सिद्धांतों की सामान्य अपेक्षाओं के विपरीत है। पर्सनल लॉ के नियमों को किसी भी अदालत में तब तक लागू नहीं किया जा सकता, जब तक उन्हें प्रथागत प्रथाओं के रूप में प्रस्तुत और मान्य नहीं किया जाता। ये है मामला पीठ दंतेवाड़ा निवासी अब्दुल हमीद सिद्दीकी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। वह अलग धर्म की महिला के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में था। दोनों का एक बच्चा है। बाद में महिला अलग हो गई थी। बच्चे की कस्टडी को लेकर दंतेवाड़ा की फैमिली कोर्ट ने दिसंबर...
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