दूसरी ओर पीएजीडी के नेताओं का कहना है कि नतीजें अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करने की मांग पर जनता के समर्थन को दर्शाता है. 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया गया था. यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर को एक अर्ध-स्वायत्त राज्या का दर्जा प्रदान करता है.इन चुनावों में कम से कम आधे दर्जन पाकिस्तानी औरतें भी हिस्सा ले रही हैं. इन औरतों ने पूर्व कश्मीरी चरमपंथियों से शादी की हुई है.
पश्चिमी पाकिस्तान से आए ऐसे ही एक शरणार्थी रवि कुमार ने कहा, "हमारे पास मोदी जी को शुक्रिया अदा करने के लिए शब्द नहीं है. अनुच्छेद 370 के हटने के बाद हमें यहाँ रहने का अधिकार मिला है और हम दूसरे नागरिकों की तरह अब वोट दे सकते हैं."ने बताया कि दूसरे नंबर पर कश्मीर की सबसे बड़े क्षेत्रीय दल नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 29 सीटों पर बेहतर प्रदर्शन करते हुए अपनी बढ़त बना कर रखी हुई है. कांग्रेस पार्टी अब तक 18 सीटों पर अपनी बढ़त बनाये हुए है. अंतिम परिणाम देर शाम तक आने की उम्मीद है.
जम्मू और कश्मीर अपनी पार्टी और जम्मू कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी ने तीन तीन सीटों पर बढ़त बना कर रखी हुई है. वहीं, अन्य 20 सीटों पर आगे चल रहे हैं. आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू और कश्मीर में पहली बार जिला विकास परिषद् के चुनाव करवाए गए हैं. राज्य चुनाव आयुक्त के के शर्मा ने सोमवार को कहा था कि मंगलवार को होने वाली इस मतगणना को लेकर सभी जरूरी बंदोबस्त कर लिए गए हैं.
उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर की जनता राज्य में नया नेतृत्व चाहती है जो उनकी क्षेत्र की समस्याओं को सुलझाने में मदद करे. सात पार्टियों नेशनल कॉन्फ़्रेंस , पीपुल्स डेमोक्रैटिक पार्टी , पीपल्स कॉन्फ़्रेंस, सीपीआई, सीपीआईएम, अवामी नेशनल कॉन्फ़्रेंस और जम्मू और कश्मीर पीपल्स मूवमेंट ने मिलकर इस चुनाव में पीपल्स अलायंस फ़ॉर गुपकर डिक्लेरेशन बनाया है.जम्मू और कश्मीर में पहली बार डीडीसी चुनाव हो रहे हैं. अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने से पहले जम्मू और कश्मीर में त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली नहीं थी.
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