नोएडा और ग्रेटर नोएडा में AQI 380 दर्ज किया गयासाल 2021 में पहली बार एयर क्वालिटी इंडेक्स राष्ट्रीय राजधानी में 900 के निशान को पार कर गया. इसके साथ ही दिल्ली का यह इलाका देश का सबसे प्रदूषित क्षेत्र बन गया. उत्तरी दिल्ली के बवाना इलाके में 914 की AQI इंडेक्स रीडिंग के साथ हवा की क्वालिटी 'Hazardous' श्रेणी की दर्ज की गई. यह रीडिंग पिछले साल फरवरी के AQI रीडिंग से लगभग तीन गुना अधिक है जो औसतन 350 दर्ज की गई थी.
बवाना एक औद्योगिक क्षेत्र है और इलाके में प्रमुख प्रदूषक पदार्थ 2.5 रहता है जिसका कारण है कार्बन उत्सर्जन और इसके बाद आता है PM 10 जिसका कारण है निर्माण, मलबा और अन्य अपशिष्ट. दिल्ली का द्वारका क्षेत्र 809 नंबर के AQI के साथ दूसरे स्थान पर है और वो भी 'Hazardous' श्रेणी में आता है. जिस पैमाने पर AQI को मापा जाता है, उसमें 1000 से अधिक रीडिंग नहीं होती हैं, जो यह दर्शाता है कि दिल्ली कितना गंभीर रूप से प्रदूषित है.
पड़ोसी शहर फरीदाबाद में, AQI 519 दर्ज किया गया था, जो कि 'Hazardous' श्रेणी में है और नोएडा और ग्रेटर नोएडा के इलाकों में AQI 380 दर्ज किया गया और यह भी 'Hazardous' श्रेणी में ही है. पड़ोसी गाजियाबाद में, AQI बुधवार की तुलना में थोड़ा बेहतर दर्ज किया गया था, लेकिन अभी भी 404 की रीडिंग के साथ 'Hazardous' श्रेणी में है. डॉक्टरों ने बच्चों और सांस की बीमारी से ग्रस्त लोगों को सलाह दी है कि जितना हो सके घर के अंदर ही रहें.
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि ऐसे प्रदूषकों के लगातार संपर्क में आने से किसी भी व्यक्ति में कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. जिन लोगों को सांस की समस्या है, उन्हें ऐसे प्रदूषकों से दूर रहना चाहिए. ऐसी स्थितियों में बच्चों का भी खास ध्यान रखना चाहिए.
Yahi sab muddda h , Jo muddaa h ,useko cover karo Aaj tak walo,
भारत की बेरोजगारी कितने पर हो गयी ये भी हिम्मत रखये बताने की modi_job_do
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