कोविन के एपीआई को पब्लिक करने के पीछे मकसद था कि लोगों को वैक्सीनेशन ड्राइव को लेकर अलग-अलग प्लेटफॉर्म से जानकारी मिल सके. लोगों को सिर्फ कोविन पर ही निर्भर ना रहना पड़े. एपीआई के पब्लिक होने की वजह से ही डेवेलपर्स कई तरह के समाधान लेकर आ रहे हैं. जैसे- Under45 नाम से एक टेलीग्राम चैनल है, जो एपीआई की मदद से लोगों को वैक्सीन की उपलब्धता के बारे में बताता है.
हालांकि, डिजिटल सॉल्यूशन कंपनी इनैफु लैब्स के कोफाउंडर तरुण विग का कहना है कि रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमैशन के जरिए ऑटोमैटिक रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है. उन्होंने इंडिया टुडे को बताया,"लोग ओपन एपीआई की मदद से वैक्सीन की उपलब्धता की जानकारी ले सकते हैं और बाद में आम यूजर की तरह ही कोविन पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं." हालांकि, उनका ये भी कहना है कि मौजूदा हालातों में इसका व्यापक इस्तेमाल नहीं हो सकता है.
तरुण विग का ये भी कहना है कि सरकार ने एपीआई के इस्तेमाल को लेकर लिमिट भी तय कर दी है. उन्होंने बताया कि"जो लोग एपीआई की मदद से वैक्सीन स्लॉट की जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें आम यूजर की तुलना में आधे घंटे देर से जानकारी मिल रही है." उनका ये भी कहना है कि सरकार डेवेलपर्स के लिए भी रजिस्ट्रेशन को लेकर कुछ क्लॉज जोड़ सकती है, ताकि इसका गलत इस्तेमाल करने से रोका जा सके.हालांकि, जानकार अब भी एपीआई के गलत इस्तेमाल को लेकर सवाल उठा रहे हैं.
हालांकि, इस पर डॉ. शर्मा का कहना है,"अगर आपके पास स्किल है, ज्ञान है और आप एक डेवलपर्स हैं, तो क्या इसका मतलब यही है कि आपका काम दूसरों को धोखा देना है? युवा कोडर्स और डेवेलपर्स को दूसरों की मदद करनी चाहिए, न कि सिस्टम को नुकसान पहुंचाना चाहिए." उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अगर कोई डेवेलपर्स एपीआई की मदद से ऑटोमैटिक रजिस्ट्रेशन करता है, तो ये नैतिक चिंता का विषय है. डॉ. शर्मा का मानना है कि जो डेवलपर्स ऐसा कर रहे हैं जो डेवलपर्स ऐसा कर रहे हैं, वो देश की मदद नहीं कर रहे हैं.
एक्सपर्ट इस बात की ओर भी ध्यान दिलाते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने के लिए प्राइवेट प्लेटफॉर्म पब्लिक एपीआई का उपयोग कर सकते हैं. एक्सपर्ट इसके लिए पेटीएम का उदाहरण देते हैं, जिसने हाल ही में अपने ग्राहकों के लिए वैक्सीन स्लॉट अलर्ट का फीचर लॉन्च किया है. अमित अग्रवाल कहते हैं,"पेटीएम को 7 करोड़ से ज्यादा लोग इस्तेमाल करते हैं और उसने अपनी एप में ये फीचर जोड़ा है. जब ऐसी बड़ी कंपनियां एप में ऐसे फीचर जोड़ती हैं, तो इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा होता ही है.
AnkiitKoomar snehamordani सरकार ये ही करे गी और कुछ तो आता नही
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »
स्रोत: Dainik Jagran - 🏆 10. / 53 और पढो »
स्रोत: BBC News Hindi - 🏆 18. / 51 और पढो »
स्रोत: AajTak - 🏆 5. / 63 और पढो »
स्रोत: Amar Ujala - 🏆 12. / 51 और पढो »