इसका जवाब तलाशने के लिए हमने इस पथ का निर्माण कराने वाले लोक निर्माण विभाग से इसकी तकनीकी खामी समझी। दरअसल सड़कों का धंसना काम में जल्दबाजी और लचर इंजीनियरिंग का नतीजा है। प्री मानसून की बारिश में कुछ जगहों पर रामपथ के धंसने की वजह सामने आ गई है। इस मार्ग के बनने के दौरान कुछ हिस्सों में बहुत तेजी से काम किया गया। ऐसे में गड्ढों की खोदाई के बाद मिट्टी की परतों के दबने की प्राकृतिक प्रक्रिया के लिए काफी कम समय मिला। इसलिए अब जब दो चरणों में भारी बारिश हुई तो यही प्रक्रिया फिर से शुरू हो जाने से...
गहरी सीवर लाइन भी डाली गई है। इसके अलावा बहुत सारे मैनहोल बनाए गए हैं। इस पथ के निर्माण और अन्य कार्यों के दौरान कुछ जगहों पर तेजी से काम कराए जाने के चलते गहरे गड्ढों के प्राकृतिक संपीडन के लिए समय कम मिला। यह प्रक्रिया गड्ढों की मिट्टी की परतों के धीरे-धीरे दबने और स्थिर होने से जुड़ी होती है, जो न केवल इन संरचनाओं की मजबूती बढ़ाती है, बल्कि उनकी दीर्घकालीन स्थिरता भी सुनिश्चित करती है। ऐसे में पहली दो बारिश 176 एमएम तक हुई। इसीलिए जमीन के स्रोतों से पानी भीतर पहुंचा तो मिट्टी की परतें दबने...
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