पीटीआई, वाशिंगटन। भारतीय-अमेरिकी सांसदों ने कहा है कि मानवाधिकारों पर भारत को व्याख्यान देने से काम चलने की संभावना नहीं है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वे इस मुद्दे पर चिंताएं व्यक्त करने के लिए महत्वपूर्ण देश के नेतृत्व के साथ बातचीत करने के पक्ष में हैं। कांग्रेसनल इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष और कांग्रेसी रो खन्नाने तीन अन्य भारतीय अमेरिकी सांसदों - श्री थानेदार, प्रमिला जयपाल और डॉ.
अमी बेरा के साथ इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट का शिखर सम्मेलन 'देसी डिसाइड्स' के दौरान एक पैनल चर्चा के गुरुवार को दौरान इस मामले पर बात की। डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़े सांसदों ने दोहराया कि वे अपने नेतृत्व के साथ भारत में मानवाधिकारों का मुद्दा उठाना जारी रखेंगे। भारत में 100 से अधिक वर्षों तक उपनिवेश रहा है। इसलिए, जब हम मानवाधिकारों के बारे में बातचीत कर रहे हैं, और आप विदेश मंत्री एस जयशंकर या किसी अन्य के साथ बातचीत कर रहे हैं तो आपको यह समझना होगा कि आप सिर्फ भारत को उपदेश देने के नजरिए...
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