हैदराबाद: 1971 में पाकिस्तान से लड़े जंग, अब ऑटो चलाकर खींच रहे हैं गृहस्थी की गाड़ी

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देश की रक्षा के लिए हथियार चलाने वाले हाथ अब जिंदगी की गाड़ी चलाने के लिए लिए ऑटो रिक्शा का हैंडल संभालते हैं. पूरी खबर यहाँ पढ़ें: Trending Hyderabad ATCard (Ashi_IndiaToday)

कभी देश के लिए जंग लड़ने वाले शेख अब्दुल करीम अब अपना वजूद बचाने की जंग लड़ रहें हैं. सीने पर पदक है लेकिन जेब खाली है. देश की रक्षा के लिए हथियार चलाने वाले हाथ अब जिंदगी की गाड़ी चलाने के लिए लिए ऑटो रिक्शा का हैंडल संभालते हैं. शेख अब्दुल करीम अब 71 वर्ष के है. उन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध में हिस्सा लिया था. तब उनकी तैनाती लाहौर बॉर्डर पर थी.

शेख अब्दुल करीम को तेलंगाना राज्य के गोलपाली क्षेत्र में 5 एकड़ जमीन दी गई थी. यह जमीन कुछ समय तक उनके कब्जे और नियंत्रण में रही लेकिन बाद में उस पर दूसरों ने कब्ज़ा कर लिया. इसकी शिकायत शेख अब्दुल करीम ने संबंधित अधिकारियों से की, जिस पर उन्हें उसी सर्वेक्षण संख्या पर पांच एकड़ जमीन और दी गई. लेकिन इस जमीन के दस्तावेज अब तक तैयार नहीं हुए है. छह संतान के पिता शेख अब्दुल करीम को पेंशन नहीं मिलती.

 

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