यूरोपीय संसद भारत के नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ उसके कुछ सदस्यों द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव पर बहस और मतदान करेगी। इसका कहना है कि देश के नागरिकता कानून में यह खतरनाक बदलाव है। संसद में इस सप्ताह की शुरुआत में यूरोपियन यूनाइटेड लेफ्ट/नॉर्डिक ग्रीन लेफ्ट समूह ने प्रस्ताव पेश किया था, जिस पर बुधवार को बहस होगी और इसके एक दिन बाद मतदान होगा। भारत ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि नया नागरिकता कानून पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला है। अधिकारी ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि यूरोपीय यूनियन में इस प्रस्ताव को लाने वाले और इसका समर्थन करने वाले लोग सभी तथ्यों को समझने के लिए भारत से संपर्क करेंगे। ईयू संसद को ऐसी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जिससे लोकतांत्रिक तरीके से चुनी विधायिका के अधिकारों पर सवाल खड़े हों।
इस प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र के घोषणापत्र, मानव अधिकार की सार्वभौमिक घोषणा के अनुच्छेद 15 का जिक्र किया गया है। इसके अलावा नवंबर 2005 में हस्ताक्षर किए गए भारत-यूरोपीय संघ सामरिक भागीदारी संयुक्त कार्य योजना और मानव अधिकारों पर यूरोपीय संघ-भारत विषय पर संवाद का उल्लेख भी किया गया है।इसमें भारतीय अधिकारियों से अपील की गई है कि वे सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ 'रचनात्मक वार्ता' करें और 'भेदभावपूर्ण सीएए' को निरस्त करने की उनकी मांग पर विचार करें। प्रस्ताव में कहा...
इससे नागरिकता विहीन लोगों के संबंध में बड़ा संकट विश्व में पैदा हो सकता है और यह बड़ी मानव पीड़ा का कारण बन सकता है।' सीएए भारत में पिछले साल दिसंबर में लागू किया गया था। इसे लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। भारत सरकार का कहना है कि नया कानून किसी की नागरिकता नहीं छीनता है बल्कि इसे पड़ोसी देशों में उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यकों की रक्षा करने और उन्हें नागरिकता देने के लिए लाया गया...
भारत देश की आत्मा को पहले इश्लामिक लुटेरो ने लुटा और छिन्न भिन्न किया।और अंग्रेजो ने तो घृणित साजिश के तहत भारत देश की आत्मा के जड़ में ही दीमक लगा दिया ।
अब समय आ गया है कि यूरोपीय संसद के खिलाफ प्रस्ताव भारतीय संसद मेंं भी पास हो ।
यूरोपियन यूनियन कौन होता है हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने वाला।ये सीएए से इतने परेशान तो अपने यहां से सबसे पहले वीजा प्रणाली खत्म करें, दूसरा पेट्रोलियम की लिये इस्लामिक देशों को बर्बाद करना बंद करें।
No body can intervene in the internal matter of India either european parliament or American Senate
समझना होगा: हमारे किसी भी आंतरिक मसले को🌍पटल पर केवल इस लिए गाया जाता है क्योंकि हमारी सरकारों ने पुरे🌍को'वसुधैव कुटुम्बकम'कह कर बसा लिया, अब उसमे से उग्र धर्म वाले शांत धर्म(🕉️धर्म भी)वालो पर दबाव बनाएंगे ही। उदाहरण: मरता🇮🇷का कमांडर मारता🇺🇸और मातमपुर्सी🇮🇳होती है काहे भाई?
Hindustan ki loksabha or rajaysabha dono sadan me bahash or bahumat me parit huva cca ko parit kiya gaya hai ! Dusre Des ko enme tang adane ki jarurat nahi hai!
जब देश मे इतने गद्दार भरे है तो विदेशी इस मौके का फायदा उठायेंगे ही भारत को बदनाम करने के लिये
इन विदेशियों ने पहले हमारा देश बांटा और अब फिर उसी की तैयारी कर रहे है..... एक बात याद रखना अब हम शिक्षित है जागरूक है हम अपनी सरकार के साथ है.... तुम्हारी चाल कभी कामयाब नहीं होगी
गोली मार मुर कर मामला ख़त्म करो ना साले कूतो को आज कितने दिन होये !!
CAA- DAMAGES: 1.Arrest the protesters/Asses the damages / Law enforcement efforts 2.They MUST pay for the Damages-DO NOT RELEASE THESE TRAITORS until they pay the damages 3.Confiscate their Bank Account-Sell their Homes and property-in auction & send to Pakistan
Ho gaya drama....get the hell out of my show....ye hamara aapna matter hai....
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