, एक ही दिन दिया हलफनामा विवेक देश पांडे, Mohamed Thaver मुंबई, नागपुर | Updated: December 7, 2019 10:29 AM अजित पवार महाराष्ट्र के एंटी करप्शन ब्यूरो के नागपुर ऑफिस के साथ-साथ अमरावती दफ्तर ने भी बॉम्बे हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर पूर्व डिप्टी सीएम और जल संसाधन मंत्री अजीत पवार को सिंचाई प्रोजेक्ट्स में हुई अरबों की धांधली के मामले में क्लीन चिट दी है। पहले एसीबी के नागपुर दफ्तर ने शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार बनने से एक दिन पहले 27 नवंबर को हाई कोर्ट में हलफनामा देकर अजीत पवार को क्लीन चिट...
खास बात यह है कि अमरावती एसीबी के एसपी श्रीकांत धिवरे ने भी उसी दिन हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि एसीबी को ऐसे कोई सबूत नहीं मिले, जिनकी वजह से अरबों के सिंचाई घोटाले में अजीत पवार पर दोष डाला जा सके। और तो और, इस हलफनामे में इस्तेमाल भाषा बिलकुल वैसी ही है, जैसा कि एफिडेविट नागपुर की एसीबी एसपी रश्मि नांदेकर की ओर से दाखिल की गई थी। एसीबी के मुताबिक, उसने बीते छह महीनों में मिलीं उन तीन चिट्ठियों को आधार बनाया जो तत्कालीन बीजेपी की अगुआई वाली सरकार के जल संसाधन मंत्रालय की ओर से भेजी गई...
संबंधित खबरें महा विकास अघाड़ी की सरकार बनने के अगले दिन ही इस क्लीन चिट को लेकर सवाल उठे। ताजा हलफनामा नवंबर में एसीबी की ओर से दाखिल एफिडेविट से अलग मालूम होता है। नवंबर 2018 वाले हलफनामे में कहा गया था कि सिंचाई प्रोजेक्ट्स से जुड़े ठेके देने की प्रक्रिया में अजीत पवार ने दखल दी थी। साल भर के भीतर दाखिल दो हलफनामे में इतने बड़ा बदलाव क्यों है, इस बारे में पूछे जाने पर एसीबी चीफ परमबीर सिंह ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वहीं, 26 नवंबर 2018 को एफिडेविट दाखिल करने वाले तत्कालीन एसीबी चीफ और...
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