महाराष्ट्र के भंडारा जिला अस्पताल में लगी आग से दस नवजात शिशुओं की मौत ने एक बार फिर सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था पर से लोगों का भरोसा कमजोर कर दिया है। इस अस्पताल के बच्चों की विशेष देखभाल के लिए बने कक्ष में सत्रह बच्चे भर्ती थे। उस कक्ष में बीते शुक्रवार की रात आग लग गई। जब तक बचाव के उपाय किए जाते, तब तक आग और धुएं में दस बच्चों ने दम तोड़ दिया। सात बच्चों को बचा लिया गया। अनुमान है कि बिजली के तारों के आपस में जुड़ कर जल उठने की वजह से आग लगी होगी। यह पहली घटना नहीं है, जब इस तरह आग लगने या...
उपकरणों की उम्मीद बेमानी ही कही जा सकती है। इसके पीछे दूसरा प्रमुख कारण है, सरकारी कर्मचारियों का अपने कर्तव्यों के प्रति संजीदा न होना। इसी के चलते न सिर्फ आग लगने, बल्कि अस्पतालों में आक्सीजन की कमी, गलत दवाएं देने, मरीज का समय पर इलाज न शुरू करने आदि के चलते कई मरीज दम तोड़ देते हैं। अस्पतालों में नवजात शिशुओं के लिए बने कक्ष और गहन चिकित्सा कक्ष बेहद संवेदनशील जगहें होती हैं। उनमें उपकरणों के रखरखाव पर विशेष ध्यान रखने की अपेक्षा होती है। मगर अस्पताल प्रबंधन इस तकाजे को नहीं समझता, जिसका...
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