ने जब क्रिकेट के मैदान में एंट्री की तो उस दौर में कोई लेग स्पिन गेंदबाजी करना नहीं चाहता था क्योंकि वो तो तेज गेंदबाजों का दौर था. वॉर्न ने ना सिर्फ लेग स्पिन कला को फिर से जिंदा किया बल्कि इस हुनर को इतना प्रभावशाली बना डाला कि 20 ओवर की आधुनिक क्रिकेट में चैंपियन टीमें दो-दो लेग स्पिनर भी टीम में रखने से नहीं चूकती हैं. यही वॉर्न की सबसे बड़ी विरासत है.
हां, जब कभी भी उन्होंने तुक्के वाले जादुई गेंदें फेंकी तो इसका श्रेय भी उन्होंने अपनी काबिलियत को नहीं दिया. इसकी सबसे बड़ी मिसाल है कि 1993 की मशहूर माइक गैटिंग बॉल जिसे सदी की महानतम गेंद का दर्जा भी दिया गया, उसे उन्होंने महज तुक्का करार दिया था. क्रिकेट के बाहर की दुनिया के शेन वॉर्न को देखा जाए तो शायद वो आपके बच्चों के लिए आदर्श साबित नहीं हो सकते हैं लेकिन उनके हाथ में अगर गेंद थमा दी जाए तो नवजात शिशु से लेकर सौ साल के वृद्ध को लेग स्पिन गेंदबाजी करने की छटपटाहट महसूस होने लगेगी.
दरअसल, सिर्फ और सिर्फ अपनी काबिलियत से उन्होंने लेग स्पिन को पहचान दी. अमूमन इसका उल्टा होता है जब किसी खेल या हुनर के चलते किसी खिलाड़ी की पहचान बनती है. वॉर्न के मित्र और मशहूर क्रिकेट कॉमेंटेटर मार्क निकलस ने कुछ साल पहले वॉर्न की आत्म-कथा लिखी है. महिलाओं के साथ वॉर्न के दिलचस्प संबंध के इतिहास को देखते हुए उन्होंने एक शानदार बात लिखी है. निकलस का कहना है महिलाएं जहां वॉर्न के लिए मनोरंजन की वजह हुआ करती थी तो उनके लिए परेशानी का सबब भी.लेकिन, अगर वॉर्न को किसी एक चीज ने संतुष्ट किया तो वो सिर्फ क्रिकेट से उनका रिश्ता था. वॉर्न हर मायने में एक महान क्रिकेटर थे जिन्होंने इस खेल के पहलू को हर फॉर्मेट को अपने खास अंदाज में छुआ.
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
स्रोत: News18 Hindi - 🏆 13. / 51 और पढो »
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »
स्रोत: NDTV India - 🏆 6. / 63 और पढो »
स्रोत: द वायर हिंदी - 🏆 3. / 63 और पढो »
स्रोत: BBC News Hindi - 🏆 18. / 51 और पढो »
स्रोत: Quint Hindi - 🏆 16. / 51 और पढो »