यूपी पुलिस एफआईआर: सुप्रीम कोर्ट ने द वायर को अंतरिम सुरक्षा प्रदान की

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यूपी पुलिस एफआईआर: सुप्रीम कोर्ट ने द वायर को अंतरिम सुरक्षा प्रदान की SupremeCourt TheWire InterimProtection FIRquashing सुप्रीमकोर्ट दवायर अंतरिमराहत एफआईआर

वहीं, फरवरी 2021 में

ने 26 जनवरी 2021 को किसान प्रदर्शन के दौरान एक युवा किसान की मौत पर उनके दादा के दावों की रिपोर्टिंग को लेकरके संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और पत्रकार इस्मत आरा के खिलाफ रामपुर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी. किसान के दादा ने अपने बयान में कहा था कि उनके पोते की मौत दुर्घटना में नहीं बल्कि गोली लगने से हुई है.

याचिका में उत्तर प्रदेश पुलिस को इन प्राथमिकियों को रद्द करने के अलावा याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई से रोकने के आदेश देने का भी अनुरोध किया गया है.के संपादक और इसके रिपोर्टर के बयानों को ई-मेल के जरिये स्वीकार कर लिया था, वहीं बाराबंकी पुलिस ने बार-बार समन भेजा और कहा कि बयान दर्ज कराने के लिए उनके रामसनेही घाट थाने आना होगा.

याचिका में शीर्ष अदालत से भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के कथित दुरुपयोग को रोकने के लिए दिशानिर्देश देने का भी आग्रह किया गया है, जिनमें धारा 153-ए और 505 शामिल हैं.ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट के उस हालिया आदेश का हवाला दिया था, जो आंध्र प्रदेश स्थित दो मीडिया प्लेटफॉर्म की याचिका पर जारी किया गया था. न्यायालय ने कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के संदर्भ में आईपीसी की धारा 124ए, 153ए और 505 के दायरे पर विचार करने की जरूरत है.

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फर्जी मुकदमे जायदा दिन नही चलते कोर्ट में बस एक बदलाव कोर्ट को करना चाहिए जो लोग फर्जी मुकदमे किसी के दबाव में लिखते है उनको उसी धारा में जेल भेज के 1 महीने के अंदर कोर्ट को सजा सुनना चाहिए फर्जी मुकदमे लिखना ही बंद हो जायेगा,

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