खोरी गांव के विस्थापितों के लिए अस्थायी आवास उपलब्ध कराने पर विचार करें: सुप्रीम कोर्ट

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खोरी गांव के विस्थापितों के लिए अस्थायी आवास उपलब्ध कराने पर विचार करें: सुप्रीम कोर्ट SupremeCourt FaridabadCorporation ProvisionalAccommodation KhoriGaon सुप्रीमकोर्ट फरीदाबाद पुनर्वास खोरीगांव

सुप्रीम कोर्ट ने बीते सोमवार को फरीदाबाद नगर निगम से खोरी गांव में रहने वाले पात्र लोगों के पुनर्वास के लिए जरूरी समय-सीमा बताने को कहा. इसके साथ ही न्यायालय ने निगम को निर्देश दिया कि वे विस्थापितों के लिए अस्थायी आवास उपलब्ध कराने पर विचार करें. अरावली वन क्षेत्र में आने वाले गांव में अनधिकृत भवनों को गिराया जा चुका है.

जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने साफ किया कि एक शपथ-पत्र के आधार पर अंतरिम आवंटन किया जा सकता है, जिसमें लिखा हो कि यदि व्यक्ति दस्तावेजों की वास्तविकता साबित नहीं कर सका या पात्रता के संबंध में अपने दावे सिद्ध नहीं कर सका तो उसे खुद परिसर छोड़ना होगा और ऐसा नहीं होने पर पुलिस उसे हटाएगी.

जब पीठ ने आवेदन मिलने के बाद प्रक्रिया में लगने वाले समय के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि इसमें आठ सप्ताह लग सकते हैं. सुनवाई आरंभ होने पर गोंजाल्विस ने कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और अधिवक्ताओं की ओर से तैयार रिपोर्ट का हवाला दिया, जिन्होंने इलाके का दौरा किया था और वहां के लोगों से बातचीत की थी. उन्होंने कहा कि वहां पर ‘जमीन हथियाने वाले लोग हैं’ और अधिकारी अनजानों को वहां जाने की अनुमति नहीं दे सकते हैं.

 

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