इस समय जब वसंत अलविदा ले रहा है और एक नया संवत्सर दहलीज पर खड़ा है, अंग्रेजी दां विश्व के दो देशों- अमेरिका और स्वीडन की संस्थाओं ने अपने वैज्ञानिक रूप से मान्य पैमानों पर जांचने के बाद दुनिया के लोकतांत्रिक देशों की फेहरिस्त में भारत को नीचे उतार दिया है। तिस पर दुनिया के कई जाने-माने अखबारों दि गार्जियन, न्यूयॉर्क टाइम्स और वाशिंगटन पोस्ट भी इधर भारतीय गणतंत्र में मीडिया, विपक्ष और सिविल सोसायटी की दशा पर चिंता जताते रहे...
खबर के अनुसार, भारत में सिविल समाज, अभिव्यक्ति की आजादी तथा अल्पसंख्यक समुदाय की बाबत लगातार लगाए प्रतिबंधों से जुड़े विश्व नेताओं तथा मीडिया के तीखे सवालों का जवाब देने की बजाय विदेश मंत्री जी ने कहा है कि भारत को अपने लोकतांत्रिक राजकाज पर बाहरी अनुमति नहीं चाहिए। और न ही भारत उस खेल का भागीदार बनना चाहता है जो यह देश खेल रहे हैं। इत्यलं!
हम अमेरिका स्वीडन की मान्यता को छींके पर रख भी दें, तो भी यह सचाई ओझल नहीं होती कि भारत की अपेक्षित कुल आबादी में से आज हर जाति, वर्ग और संप्रदाय की करोड़ों महिलाएं शिक्षा, पोषण, निजी स्वास्थ्य और सुरक्षित संचरण के स्तर पर अपने घर भीतर भी मूलभूत अधिकारों में हर कहीं पुरुषों से पिछड़ी हुई हैं। सीधा मतलब यह कि महिला और बच्चियों के प्रति घर तथा कार्यक्षेत्र- दोनों जगह विषमता मिटाने में बहुप्रचारित कानूनी सुधार और आकर्षक सरकारी स्कीमें व सब्सीडियां भारतीय समाज के भीतर छुपी खामोश दमनकारिता और उनके...
मजेदार यह कि आज विश्व स्वास्थ्य और महिला विकास पर संयुक्त राष्ट्र की इकाइयों द्वारा भारत के केरल, तमिलनाडु, बंगाल और महाराष्ट्र सरीखे गैर राजग शासित राज्यों के समाज में लड़कियों की स्वास्थ्य तथा शिक्षा दर राजग की इकाइयों द्वारा शासित राज्यों- उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश या गुजरात से बेहतर दिख रही है। जहां तक युवा पीढ़ी के सोच की बात है, वहां भी मसला शादी की न्यूनतम उम्र बढ़ाने, गर्ल्स हॉस्टल के नियमों को सख्त बनाने का हो या हिजाब का, खुद महिलाओं तथा लड़कियों को शरुआती बातचीत में शामिल न...
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
स्रोत: Quint Hindi - 🏆 16. / 51 और पढो »
स्रोत: BBC News Hindi - 🏆 18. / 51 और पढो »
स्रोत: Quint Hindi - 🏆 16. / 51 और पढो »
स्रोत: Quint Hindi - 🏆 16. / 51 और पढो »
सीरिया के राष्ट्रपति असद ने यूक्रेन पर रूस के हमले की तारीफ़ की - BBC Hindiअसद के आधिकारिक बयान को क्रेमलिन की वेबसाइट पर पोस्ट किया गया है, जिसमें उन्होंने अमेरिका और नेटो की अस्थिर करने की नीति की आलोचना की और कहा कि उसकी वजह से मध्यपूर्व की स्थित में अप्रत्याशित रूप से गिरावट देखी गई है. Indian_____soul इस हरामी ने भी सीरिया को बर्बाद करवा दिया है अपने अहंकार में मासूम सीरिया के लोगो को मरवाया है और पूरे सीरिया को खंडहर करवाया है Asad is tyrant himself Han dono ek hi katagiree ke hai na Kya dunye ineh aatank wadi nahi kahe gi jo be masoor nagiriko ko mar rahen hain
स्रोत: BBC News Hindi - 🏆 18. / 51 और पढो »
स्रोत: News18 Hindi - 🏆 13. / 51 और पढो »