बैकों के विलय की घोषणा करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों के विलय का मकसद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैंकों को मजबूत करना है, जिससे देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाया जा सके.बैंक कर्मचारी संघ शनिवार को बैंकों के विलय के विरोध में काला दिवस मनाएंगे.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से 27 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 12 बैंकों में विलय करने की घोषणा के बाद से इसका विरोध शुरू हो गया है.
बैंक इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव देबाशीष बसु चौधरी ने कहा, यह फैसला बैंकिंग प्रणाली को कमजोर करने वाला है और वित्तीय समावेशन के उद्देश्य के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि हम सभी बैंक यूनियन साथ में इस फैसले का विरोध करेंगे. हमारे इस प्रदर्शन में भारत के सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के नौ संघ और उनके प्रतिनिधित्व शामिल होंगे.
बैकों के विलय की घोषणा करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों के विलय का मकसद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैंकों को मजबूत करना है, जिससे देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाया जा सके. सरकार ने पंजाब नेशनल बैंक , केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक में अन्य बैंकों का विलय करते हुए चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की है.
सही कहा क्योंकि विलय होने से नुकसान ही है वो भी कर्मचारियों को सुविधा शुल्क के रूप मे वसूलते थे
ये सब कर्मचारी लोग इतनी घटिया मानसिकता वाले होते हैं जिसकी कही तुलना करना असम्भव है
Notebandi me banks ka role bada is sandhigadh tha
Are kya jarurat hai aisa kerne ki modi modi ka jaap karo salon
देश में एक और अहम मुद्दा है कि हमारे संविधान के हिसाब से सीनियर सिटीजन यानि 65 साल के बाद किसी को भी जमानत लेने का प्रावधान है फिर भी Sant Shri Asaram Bapu Ji को 6 साल में एक बार भी जमानत क्यों नहीं मिली? 31AugBlackDayOfDecade
Kam nahi karna chahate bank karmchari, vilay se inhen kya samsya
Finance ministers region kro
Government apne kale karname se naukripesa walo ko presan kr rhi hai Ise wapas lo nhi aandolan hoga
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