से 10 गुना ज्यादा घातक होगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी देशों को कोरोना वायरस महामारी से सबक सीखना चाहिए। दुनियाभर में कोरोना वायरस से अबतक 22 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि संक्रमितों का आंकड़ा 10 करोड़ से भी ऊपर पहुंच चुका है।जर्मन मीडिया से बात करते हुए बिल गेट्स ने कहा कि म अगले महामारी के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने दुनिया भर की सरकारों से अपने नागरिकों को संभावित नई बीमारियों से बचाने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह महामारी खराब है, लेकिन भविष्य की महामारी 10 गुना अधिक...
अरबपति बिल गेट्स ने अपनी पत्नी के साथ बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन बनाया है। जिसके जरिए वह भारत सहित कई देशों में गरीब और असहायों की सहायता करते हैं। उनकी वेबसाइट के अनुसार, फाउंडेशन हर व्यक्ति के अंदर संभावना को अनलॉक करना चाहता है। हम सभी जीवन में समान मूल्य देखते हैं। और इसलिए हम दुनिया भर के व्यक्तियों के लिए जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए समर्पित हैं।क्या है 'वैक्सीन राष्ट्रवाद'?
जब कोई देश सिर्फ अपने नागरिकों या अपने यहां रहने वाले लोगों के लिए वैक्सीन डोज सुरक्षित करने की कोशिश करता है तो इसे 'वैक्सीन राष्ट्रवाद' नाम दिया जाता है। ऐसी स्थिति तब होती है जब कोई देश वैक्सीन को अन्य देशों में उपलब्ध होने से पहले ही उन्हें अपने घरेलू बाजार और अपने नागरिकों के लिए एक तरह से रिजर्व करने की कोशिश करता है। इसके लिए संबंधित देश की सरकार वैक्सीन मैन्यूफैक्चरर के साथ प्री-परचेज अग्रीमेंट कर लेती है।नया नहीं है 'वैक्सीन...
ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ है कि दुनिया के तमाम देश 'वैक्सीन राष्ट्रवाद' की राह पर चल रहे हैं। 2009 में H1N1 फ्लू के प्रकोप के वक्त भी इसी तरह से वैक्सीन की जमाखोरी हुई थी। तब ऑस्ट्रेलिया पहला ऐसा देश था जिसने एच1एन2 फ्लू की वैक्सीन बनाने में कामयाबी हासिल की थी। लेकिन उसने उस वैक्सीन के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया। दूसरी तरफ कुछ अमीर देशों ने कई फार्मा कंपनियों के साथ वैक्सीन के लिए प्री-परचेज अग्रीमेंट कर लिया था। सिर्फ अमेरिका ने 6 लाख वैक्सीन डोज के लिए अग्रीमेंट किया था।देश-दुनिया...
हर अगला वायरस पहलेवाले से शक्तीशाली ही रहा है। पहले का ईलाज तलाशा भी नही कि दुसरा वायरस आ जाता है। जाहिर इसके अगले पर काम शुरु होगा। सवाल है शतकों से इस समस्या को लेकर हम कहाँ है। हमे आत्मनिर्भर भारत के लिये आबादी के अनुपात आधुनिक अस्पताल और NIVs बनाने चाहिये। वायरस का खौफ कम हो।
Achhe swasthya ki baat karo abhi
आजकल भारत में तो एक नई महामारी फैल चुकी है और नाम है'आपसी वैमनस्यता'।
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