7666 अश्वेत लोग मारे गए। यह आंकड़ा चौंकाता है। अमेरिका में अश्वेतों की आबादी की बात की जाए तो उनकी हिस्सेदारी महज 13 फीसदी ही है। मगर पुलिस के हमले उन पर ज्यादा होते हैं। आंकड़ों के मुताबिक श्वेत अमेरिकियों की तुलना में ढाई गुना ज्यादा अश्वेत पुलिस की गोली से मारे गए।'मैपिंग पुलिस वॉयलेंस' के मुताबिक साल में ऐसा एक भी महीना नहीं बीता, जिसमें पुलिस के हाथों किसी अश्वेत की मौत न हुई हो। औसतन अधिकतर 27 दिन ही ऐसे बीते, जब पुलिस ने किसी अश्वेत को नहीं मारा हो। दिसंबर, 2019 में तो एक ही दिन...
हालांकि अमेरिका के 50 में से अधिकतर प्रांतों में पुलिस हिंसा में अश्वेत मारे गए हैं। मगर कैलिफोर्निया, फ्लोरिडा और टेक्सास में हालात ज्यादा बुरे हैं। पिछले कुछ साल में पुलिस की गोली से सबसे ज्यादा लोग इन्हीं प्रांतों में मारे गए।
realDonaldTrump POTUS आपने ये नहीं बताया कि इन 7000 में, कितने वांछित अपराधी थे, ड्रग पेडलर थे, कितनों ने पुलिस पर फायरिंग की थी, कितनों पर पहले से केस दर्ज थे अधूरा सच, अधूरा ही होता है! चाहे अमर उजाला का हो या युधिष्ठिर का! KapilMishra_IND TarekFatah AshokShrivasta6 rahulroushan iAnkurSingh
realDonaldTrump POTUS In parallel please telecast a documentary on national television to show how and what they have achieved in US in all these years.... Had it been any other country they might be busy in bread and butter only.... Please avoid long public speeches for now.
realDonaldTrump POTUS ये भी बता दो इससे ज्यादा श्वेत मारे गये।
realDonaldTrump POTUS Ye bhi jamati hai America mai aasanti faila rahe hai inko bhi goli maro
realDonaldTrump POTUS Tabhi tum ujala desi rahe..
realDonaldTrump POTUS कम से कम दंगो के टाइम तो अपनी हेडलाइन सही रखा करो कुछ तो शर्म किया करो जो लोगो मे विरोधाभास बना रहे हो। 10-15 साल में मारे गए लोगो को ऐसे शो कर रहे हो जैसे 5 दिन में मारे गए हो
realDonaldTrump POTUS गलत समाचार । मात्र एक आदमी की मौत हुई है..
realDonaldTrump POTUS बहुत अच्छा । तभी आतंकी शांत हुए। वरना तो
realDonaldTrump POTUS If fake headline. This data of 7000 is based on the past 14 years. Please do not spread lies.
realDonaldTrump POTUS Shame on america
realDonaldTrump POTUS Same on you WhiteHouse
अमेरिका मे वर्णभेद बहोत गहरा है. कुछ गोरे लिबरल है. बाकी गोरे-काले एक है दिखावा है. भारत जैसी सोसायटीज अलग है. . पूरी दुनिया मे गोरे वंशभेदी है.अमेरिकन गोरो को दूसरे वंश प्रगती करते देखा नही जाता है इसलिए इराक,अफगाण,मे वांशिक,धार्मिक,जातीय दंगे भडकाके वार इंडस्ट्री वेपन बेचता है
Fake news
अगर इतने लोग मरे तो फिर प्रदर्शन कैसे हो रहा है अब तक ? ट्रम्प बंकर में घुसा हुआ है लोग फिर भी बाहर दंगा कर रहे है? न ही कोई वीडियो ऐसी आयी जिसमे पुलिस गोली चला रही हो आशुगैस के गोले जरूर छोड़े जा रहे है। अहम बात जब 1इंसान को मारने पर इतना दंगा हो सकता हैतो पुलिस 7000को मार देगी?
Umashankar_khad झूठ है यह 7000 वाली खबर, सिद्द करो
Ye to mushkil se 2000 honge, 7000 kha se
जुर्म में अश्वेतों में कितने हाथ होते है वो बी बता देते।
कितने दंगाई मरे ये कहो
ye usi tarah ka data hai jaise Bharat mein media Muslims par Prachar chalata hai ..... Media ye bhi bataye kitne Gore maare gaye isi dauran. ye bhi sach hai US mein gun culture ki wajah se apradh bhi bahut hai isiliye wahan Police koi chance nahi leti hai
SAD
😭😭
अमेरिका के क्राइम में इनकी हिस्सेदारी 95% से ज्यादा है जितने भी भारतीय ज्यादातर गुजरातियों दुकानदार लूट के इरादे हत्या हुई उसमें अश्वेत का हाथ ही होता है ये मेक्सिकन होते है या अफ्रीकन अमेरिकी
Ye jhut hai, police ki goli se 1 aadami mara hai, jhut ka koyi had hota hai.
Please remove this tweet and change headline accordingly with actual timeline under which cases happened. It creates confusion
क्यों अफवाह फैला रहे हैं। कुछ तो शर्म करो। बेशर्मी ढिठाई की हद हो गई है।
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