अमेरिका में कोरोना वायरस की महामारी की त्रासदी ने सबसे ज्यादा अश्वेत आबादी को प्रभावित किया है. अश्वेत मतलब उन लोगों से हैं तो अफ्रीकी अमेरिकी हैं. अमेरिका में जिन लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हुई है, उनमें अश्वेतों की संख्या आबादी के हिसाब सबसे ज्यादा है.
कोरोना वायरस की महामारी में अश्वेत समुदाय की संवेदनशील स्थिति देखने के बाद से ही बहस शुरू हो गई थी कि क्या अमेरिका में श्वेत और अश्वेत के बीच का फर्क वाकई में कम हुआ है? पिछले सप्ताह, 46 साल के जॉर्ज फ्लायड नाम के एक अश्वेत की पुलिस कस्टडी में मौत होने के बाद ये बहस और तेज हो गई है. व्हाइट हाउस के बाहर बड़ी तादाद में लोग विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका में चुनावी बहस भी अब इसी घटना के इर्द-गिर्द घूम सकती है.
2016 की जनगणना के मुताबिक, अमेरिका में चार करोड़ की आबादी अश्वेतों की है जो कुल आबादी का करीब 13 फीसदी हैं. ये अमेरिका का सबसे बड़ा नस्ली अल्पसंख्यक समुदाय है. अफ्रीकन-अमेरिकी यानी अश्वेतों की 55 फीसदी आबादी दक्षिणी अमेरिका में रहती है. प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक, 2007-2009 में आई आर्थिक मंदी के दौरान श्वेत और अश्वेत के बीच आर्थिक विषमता की खाई और गहरी हुई. मध्यवर्ग में श्वेत और अश्वेत के बीच आर्थिक विषमता बहुत ज्यादा बढ़ी है.
1965 में अमेरिकी सीनेट में एक भी अश्वेत नहीं था और ना ही कोई अश्वेत गवर्नर. हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में केवल 6 सदस्य अश्वेत थे और सभी डेमोक्रेटिक पार्टी से ही थे. 2019 की बात करें तो 52 अश्वेत हाउस मेंबर्स हैं जो कि अमेरिकी आबादी में अश्वेत के अनुपात को देखते हुए सबसे बड़ी संख्या है. हालांकि, आज भी श्वेत और अश्वेत के बीच फासला पूरी तरह से नहीं खत्म हुआ है. जब ओबामा राष्ट्रपति बने तो उनकी कैबिनेट में भी केवल एक कैबिनेट सेक्रेटरी अश्वेत समुदाय से था. यही हाल ट्रंप कैबिनेट का भी है.
अमेरिका में एक कि मौत पर इतना सब बवाल हो गया ओर इंडिया मै दलितों और मुसलमानों को रोज मर जाता है कोई आवाज उठाने वाला नहीं ।
Only godi media can think and talk of political benefits out of death of citizens.
Dangey acche hain
realDonaldTrump Will lose this election
भारत में यूएस के आगजनी का क्या लेना देना। अमेरिका में आगजनी से भारत में कुछ लोग क्यों छटपटा रहे हैं। ये कुछ लोग वही हैं जो CAA विरोध की आड़ में देश को अशांत करने का साजिश कर रहे थे। भारत को भड़काने का साजिश नहीं चलेगा।
I think it was Obama in place of trump.
संभव ही नही है ।इसका विरोध गोरे लोग ही कर रहे है ।
जो मोदी जी भारत में करते हैं अब उनका मित्र अमेरिका में कर रहे। कोई नई बात नही है
Zee news ka sting operation ..dekhe jarur aur apni rai de Watch it.... zee_agendebaaz_h
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