पीडीपी नेता मदनी की जमानत में छूट की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई

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मदनी ने जमानत पर रिहा किए जाने की शर्तों में राहत देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है | mewatisanjoo Delhi SupremeCourt

बेंगलुरु ब्लास्ट मामले में मास्टरमाइंड आरोपी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता अब्दुल नजीर मदनी की जमानत शर्तों में राहत की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होगी. मदनी ने जमानत पर रिहा किए जाने की शर्तों में राहत देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है. अब्दुल नजीर मदनी द्वारा केरल में अपने गृहनगर में जाने की अनुमति मांगी जा रही है.

बेंगलुरु ब्लास्ट मामले में आरोपी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता अब्दुल नजीर मदनी ने अपनी जमानत शर्तों में राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई है. पिछले छह वर्षों से बेंगलुरु में 11 साल जेल में काटने के बाद अब जमानत पर बाहर अब्दुल नजीर केरल में अपने गृहनगर जाने की अनुमति चाहता है, जबकि सबसे ऊंची अदालत के आदेश के मुताबिक उसे अपने मुकदमे की लंबित अवधि तक केरल में अपने गृहनगर जाने की अनुमति नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में मामले की सुनवाई पूरी होने तक उसे सशर्त जमानत दी थी. अदालत ने अब्दुल नजीर मदनी के बेंगलुरु की सरहद से बाहर कदम रखने पर रोक लगा दी थी. मदनी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा है कि छह साल बाद भी मुकदमे की सुनवाई पूरी नहीं हो पाई है. साथ ही मौजूदा परिस्थिति में अभी निकट भविष्य में किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए कोई संभावना नहीं दिख रही है.

याचिका में मदनी ने कहा है कि अदालत में इस मामले की सुनवाई बहुत सुस्त गति से चल रही है. इसके अलावा कोई भी पीठासीन अधिकारी भी नहीं है. याचिका में मदनी ने कहा है कि कई मौकों पर कई वजहों से ट्रायल में देरी हुई. समय पर गवाह नहीं आने से भी कई बार सुनवाई टली और ट्रायल में देरी हुई है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के अनुसार अब्दुल नजीर ने अपनी गिरफ्तारी के बाद 11 साल जेल में बिताए और सशर्त जमानत की सजा काट चुका है.मदनी ने यह भी कहा है कि बिगड़ते स्वास्थ्य के चलते और यहां पर ठीक से उपचार ना हो पाने के कारण उसको जमानत शर्तों में राहत प्रदान करनी चाहिए. याचिका में उसने अपने पिता की उम्र और बिगड़ती तबीयत का भी हवाला दिया है.

 

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