गुट निरपेक्ष देशों के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार भी शिरकत नहीं करेंगे. ये लगातार दूसरी बार है जब पीएम मोदी दुनिया के विकासशील देशों के नेताओं की इस जमघट में शामिल नहीं हो रहे हैं. बता दें कि भारत गुट निरपेक्ष आंदोलन का संस्थापक सदस्य है.सरकारी सूत्रों के मुताबिक उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू इस बार गुट निरपेक्ष सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. गुट निरपेक्ष सम्मेलन अजरबैजान के बाकू में 25-26 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा.
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में देश ने फैसला किया कि वो इन दोनों में से किसी गुट का हिस्सा नहीं बनेगा. और इनसे इतर गुट निरपेक्षता की नीति अपनाएगा. यानी कि भारत न तो अमेरिका के पक्ष में रहेगा और न ही रूस के पक्ष में बल्कि इनसे अलग एक और गुट का निर्माण करेगा जो दुनिया में शांति कायम करने की कोशिश करेगा. नेहरू के इसी फलसफे के साथ गुट निरपेक्ष आंदोलन की शुरुआत हुई. 1961 में युगोस्लाविया के बेलग्रेड शहर में गुट निरपेक्ष देशों का पहला सम्मेलन हुआ.
देशद्रोही नेहरू की नीतियों से किनारा करना ही देश हित में है।
Nehru sirf ghoomne jaate the unko mauj masti hi pasand thi
Bilkul sahi hai.
Dear आप और IndiaToday मधु त्रेहान की नीतियों पर चल रहे हो क्या ? madhutrehan
मोदी के गुलाम मीडिया वालों गुलामी करना बंद करो
देश को बर्बाद कर दिया फेकू ने बीएसएनएल घाटे में बीपीसीएल घाटे में रेल घाटे में तो साला जियो प्रॉफिट में क्यों
जो बात देश को बरबाद करने में ह वो नेहरू की बातों में कहा
जब तक बेडा गरक ना होगा ये नही रूकेंगे ।
सब देख रहे हैं.... कौन क्या है?
Godse se pyaar h narendramodi ko... Nehru se dur hi rahenge na
नेहरू की महत्वाकांक्षा के लिए था गुटनिरपेक्ष तथाकथित आंदोलन। और बरसों पहले से ही अपना रुतबा खो चुका है, बस दफन करना बाकी है।
मोदीजी देश के मंदबुद्धि पप्पू को बेजदो वहा सभी को मनोरंजन करायेगा
Nehru's neutrality was hindrance for the progress of India.
मिला क्या था तटस्थता की नीति से? दुनिया में दोस्त के नाम पर छोटे मोटे देश दोस्त बने। आज पूरी दुनिया खुले दिल से मिलती है भारत से।
शायद वहां हिन्दूस्तान के लोग नहीं रहते ज्यादा, फिर वहां अमेरिका,लंदन,सिंगापुर,दुबई जैसे नारे नहीं लगेंगे ना
बहुत अच्छा ,जिनका कोई गट नहीं होता उनका कोई दोस्त भी नहीं होता
गुट निरपेक्ष संघठन एक बोगस संघठन है हमारी लाखों वर्ग किमी जमीन चीन और पाकिस्तान ने कब्जा ली अगर हम किसी भी दूसरे एलाइंस के साथ होते टी ऐसा कभी भी संभव नहीं होता कि कोई हम पर अटैक करके हमारी जमीन हड़प लेता This is very gud decision taken by shri Narendra Modi
जरूरी नहीं है की हर नेता नेहरू की नीति का पालन करे
ARUN PURI , RAJDEEP AUR ASHUTOSH KALIYA KO CONGRESS KI TARF SE BEJO .
बिल्कुल सही नेहरू के खोखले समाजवाद और विदेशी नीति ने देश को बर्बाद किया. हमे इतिहास की किताबों से कम्युनिस्ट propoganda वाला इतिहास पढ़ाना बंध करना होगा.
हां तो नेहरू जी ही जब देश की इस हालात के जिम्मेदार है जोकि बीजेपी आरएसएस और लगभग युवा पीढ़ी और मीडिया ये सभी मानते है तो फिर वो उनकी नीति पर क्यों चले ? और अगर नेहरू जी की नीति पर देश को चलवाना था तो लोग खुद कॉन्ग्रेस की तरफ नजर उठा कर ज़रूर देखते।
लेहरू की नीतियां क्या आसमानी नीतियां थी,,
Nehru time bane PSU ko bechkar ab ye Ambani Adani PSU banayega...
साहिब को डर लग रहा होगा कहां वहां भी नेहरू पर लेक्चर ना सुनना पड़े 😀
Sahi h badhiya h modi ji Nehru ki niti se 100 kadam durr rehna Nehru k chakkar mein Gaye to usne desh ka kya kiya sb jaante hain
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