साल 2020 के दिल्ली दंगों को लेकर द वायर की श्रृंखला के दूसरे हिस्से में जानिए कट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद को, जिनके नफ़रत भरे भाषणों ने उन दंगाइयों में कट्टरता पैदा की, जिन्होंने फरवरी 2020 के आखिरी हफ़्ते में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में क़हर बरपाया.
अब यह स्पष्ट है कि दंगों से ठीक पहले मुसलमानों के खिलाफ हिंसा के लिए किया जा रहा भड़कावा, असली साजिश की एक अनिवार्य कड़ी थी, जिसे खुले में अंजाम दिया गया क्योंकि उन्हें पता था कि पुलिस उन्हें कभी नहीं छुएगी.यति नरसिंहनंद एक कट्टर हिंदुत्ववादी नेता हैं जिनका मुख्यालय गाजियाबाद के डासना में है, जहां उत्तर प्रदेश दिल्ली से मिलता है. पिछले कुछ सालों में दिल्ली और उसके आस पास के हिंदुत्व नेटवर्क में उनका प्रभाव तेजी से बढ़ा है.
‘आज हमारे बहुत सारे हिंदू हैं जो मुझे याद दिलाते हैं, महाराज देखो कोई दंगा नहीं हो रहा है. दंगा क्यों नहीं हो रहा? इसलिए नहीं हो रहा क्योंकि जिन बातों पर हिंदू सड़क पर उतर जाता था, हथियार उठा लेता था, आज को कोई भी हिंदू उन बातों पर बोलने का साहस नहीं करता. कोई भी हिंदू साहस नहीं कर पा रहा. दिसंबर 2019 और फिर जनवरी-फरवरी 2020 में उनके भाषण आसानी से अभद्र और भड़काऊ भाषण की श्रेणी में आते हैं. लेकिन अगर इन्हें मुसलमान विरोधी हिंसा की पृष्ठभूमि में देखा जाए, जो अंततः फरवरी में हुई. यह तो स्पष्ट है कि उनके भाषण सैकड़ों और हजारों लोगों को हिंसा करने, कट्टरपंथी बनाने और फिर हिंसा के लिए जुटाने में महत्त्वपूर्ण थे, इसलिए यह अजीब है कि पुलिस दंगों में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में यति नरसिंहानंद सरस्वती की जांच नहीं कर रही है.
अगर दिल्ली पुलिस चाहती, तो आसानी से यति के खिलाफ वीडियो सबूतों का एक पूरा चिट्ठा इकट्ठा कर सकती थी, जो नागरिकता कानून विरोधी कार्यकर्ताओं के आधिकारिक चार्जशीट में दर्ज किए गए तमाम कथित विवादित भाषणों से कहीं ज्यादा भड़काऊ थे. अब तक उनकी भड़काऊ बयानबाजी पहले से कई पायदान ऊपर चढ़ चुकी थी. अमित शाह ने जोर देकर कहा कि सीएए का भारतीय मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है लेकिन यति के लिए सीएए भारतीय मुसलमानों की आबादी को नियंत्रित करने की दिशा में पहला कदम था और जंतर मंतर पर उन्होंने पहली बार यह भी कहा कि सीएए का विरोध कर रहे‘सभी बच्चों से केवल इतना अनुरोध है कि यह जो मुसलमान इतने ज्यादा निकल-निकलकर आ रहे हैं इन्हें पता होना चाहिए कि जिस दिन हम निकलेंगे, इनका क्या हाल होगा.
‘वो लोग देश के दुश्मन हैं, उन्हें जेल में डाल देना चाहिए. और अगर वे जेल जाने के बाद भी नहीं सुधरते हैं, तो उन्हें फांसी की सजा दी जानी चाहिए.’ यदि उनके भाषण के जनसंहारात्मक संदेश के बारे में अभी भी किसी को कोई संदेह है, तो यति के ख़बर इंडिया समाचार चैनल को दिए गए इंटरव्यू को सुनें. उन्होंने कहा कि भारत को अपने मुसलमानों से निपटने में चीन के उदाहरण का पालन करना होगा. उनका राष्ट्रपति इस्लाम को एकयति: सारी दुनिया ने देखा है कि चीन मुसलमानों के साथ क्या कर रहा है. चीन के राष्ट्रपति ने कहा है कि इस्लाम एक मानसिक बीमारी है और अपने देश को इस बीमारी का शिकार नहीं होने दिया.यति: हमारा देश चीन के पैटर्न का पालन करके खुद को बचा सकता है.
The lair as per you and khanumarfa Thair Husain was also innocent!! We know it all your propaganda!!
Can our DelhiPolice, HMO, PMO, India_NHRC care about this, no because all are from this party but they should be thinking about this that its not about politics, its about number of people's lives matter, now our Court, CBI, NIA, ED, NCB, IT, Police are working like politics
Jis kaum me ese sadhu sant ho uski nasle andhkar m jane wali h
तड़ीपार ओर आरएसएस की पिलाने थी दिल्ली को जलाने की
क्या ये आतंकी नही?
Hinsa inka majhab bun gaya juba se jahar bhi tapakta hai har dum
पेट्रोल के बढ़ते मूल्य को देखते हुए श्री ताहिर हुसैन जी ने प्लास्टिक मे पेट्रोल भर कर गुलेल द्वारा लोगों तक मुफ्त पेट्रोल पहुंचाने मे मदद की थी।
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ये खुद ब्रह्मा जी ने बताया आप को ?
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