बड़ी चिंता माना जा रहा है। अमेरिकी सरकार पर बढ़ रहे कर्ज के बोझ का दबाव अब डॉलर पर महसूस किया जा रहा है। खरबों डॉलर का कोरोना राहत पैकेज देने के कारण ये बोझ पिछले एक साल में काफी बढ़ गया है। अब अर्थशास्त्रियों का कहना है कि डॉलर की जो कीमत आज है, उसकी सैद्धांतिक कीमत उससे 9 फीसदी नीचे गिर चुकी है।
ताजा विनियम दर सूचकांक के मुताबिक डॉलर का मूल्य इस समय पिछले तीन साल के सबसे निचले स्तर पर है। ये इंडेक्स बैंक फॉर इंटरनेशन सेटलमेंट तैयार करता है। इसे 60 देशों की मुद्राओं के मूल्य की तुलना के आधार पर तैयार किया जाता है। इसके मुताबिक जनवरी में यूरो का मूल्य 33 महीनों के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। जापान की मुद्रा आज प्रति डॉलर 104 येन हो गई है, जबकि यह पिछले साल 109 थी। उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों की मुद्राओं की कीमत भी डॉलर के मुकाबले चढ़ी है। चीन की मुद्रा- युवान जनवरी में दो साल से...
निक्कई एशिया के मुताबिक 2013 में फेडरल रिजर्व के तत्कालीन चेयरमैन बेन बरनान्के ने नोट छापने की नीति खत्म होने करने की चर्चा की थी। उनके एक बयान भर से तब सरकारी बॉन्ड्स के भाव बढ़ गए थे, जबकि शेयर बाजारों में तेज गिरावट आई थी। तब उस घटना को अर्थशास्त्रियों ने ‘टैपर टैंट्रम’ कहा था। अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि अब वास्तव में दुनिया के सामने टैपर टैंट्रम का खतरा है।
ताजा विनियम दर सूचकांक के मुताबिक डॉलर का मूल्य इस समय पिछले तीन साल के सबसे निचले स्तर पर है। ये इंडेक्स बैंक फॉर इंटरनेशन सेटलमेंट तैयार करता है। इसे 60 देशों की मुद्राओं के मूल्य की तुलना के आधार पर तैयार किया जाता है। इसके मुताबिक जनवरी में यूरो का मूल्य 33 महीनों के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। जापान की मुद्रा आज प्रति डॉलर 104 येन हो गई है, जबकि यह पिछले साल 109 थी। उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों की मुद्राओं की कीमत भी डॉलर के मुकाबले चढ़ी है। चीन की मुद्रा- युवान जनवरी में दो साल से...
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