चीन के भूटान में इमारत बनाने से क्या भारत को परेशान होना चाहिए? - BBC News हिंदी

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चीन के भूटान में इमारत बनाने से क्या भारत को परेशान होना चाहिए?

भारत के हिंदी भाषी अख़बार दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट में कहा गया है, "भारत इस समझौते पर नज़र रखे हुए था क्योंकि चीन ने 2017 में भूटान के रणनीतिक रूप से अहम डोकलाम क्षेत्र को क़ब्ज़ाने की कोशिश की थी."

लेकिन भूटान भारत के लिए इतना अहम है कि भारत को चीन और भूटान के रिश्तों पर नज़दीकी नज़र रखनी ही होगी. भारत के प्रमुख अंग्रेज़ी अख़बार हिंदुस्तान टाइम्स के एक लेख में कहा गया है, "भूटान भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद अहम है क्योंकि ये देश सिलीगुड़ी कॉरिडोर से लगा है. यदि भूटान अपनी ज़मीन को लेकर कोई भी समझौता करता है तो इससे इस क्षेत्र में भारत की सुरक्षा प्रभावित होगी.

23 अक्तूबर को पारित ये क़ानून चीन की चौदह देशों से लगी 22 हज़ार किलोमीटर से लंबी सीमा को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से लाया गया है. ये क़ानून अगले साल जनवरी में लागू हो जाएंगे.भारत ने 'चीन के इस एकतरफ़ा निर्णय' पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए एक सख़्त बयान जारी किया और कहा कि भारत ये उम्मीद करता है कि चीन क़ानून की आड़ लेकर ऐसा कुछ नहीं करेगा जिससे भारत चीन सीमा पर परिस्थितियां प्रभावित हों.

अंग्रेज़ी अख़बार में एक सैन्य अधिकारी के हवाले से कहा गया है, "चल रहे तनाव के बीच आप कोई नया क़ानून क्यों पारित करेंगे? आप स्पष्ट रूप से एक संदेश भेज रहे हैं...अब जब उन्होंने क़ानून बना दिया है, तो ये समझौते के तहत समाधान कैसे निकालेगा? "

 

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Hamare hr padosi ke bagal me china ki chal ko samajh kr..uska counter plan ready krna chahiye....

हाँ होनी चाहिए और हो रही है और यह सही है

अवश्य होना चाहिए

केवल blood pressure बढ़ेगा, पहले खुद के प्रदेश अरुणाचल से इमारतें हटा दें!! कुछ नहीं कर सकते, बस का नहीं!!!

चैन की नींद, इसका मज़ा, पूछो मत । सो जाइए plzz plizz

नहीं यार, क्यों भला..? मोईजी की शी जिंगपींग से अठारह मुलाकातें यूँही बेजा तो नही है..! फिर स्वप्नदृष्टा दूरदर्शी शासक श्री नरेन्द्र दामोदर दास को तो आपदाओं में अवसर ढूंढ ने की काबिलियत हासिल हैं ..!! और चीनी कंपनीयों ने भाजपा को फंडींग भी करी हैं तो कुछ समझौते भी हुयें होंगे..!

अमरिका के हाथ अदूरदर्शि मोदी खेल रहे खेला उसकी अर्थव्यवस्था की जरूरत पर कर रहे काम हमारी जरूरत रिज़र्वस बनाए रखना हम सदा चीन पाक साथ रहते युद्ध के मुहाने वे 50हम ऐक और तिबत पन भारतभर देख चीन होरा उतावला ताईवान या भारत - किसको फोड़ूं रे!

India ki itni beizzati toh 70 saal me nahi hui, jitni 56' waale ne karwa di. Ye farzi rashtrawad ke paidaaish hain.🤔🙄

Arunachal Pradesh or laddaakh me foji thikaane banane par toh pareshan hua nahi toh Bhutan me ?😉😉

मोदी के राज में भारत तो अरुणाचल में चीन के गांव बस आने से भी परेशान नहीं है तो भूटान में इमारत बनाने से क्या परेशान होगा 😁

चीन ने भारत के बेदर्दी से 20 सैनिक मार डाले अरुणाचल प्रदेश में गांव बसा लिया तभी भारत का कोई परेशानी नहीं हुई भूटान में चीन की हरकतों से भारत को क्यों परेशानी होगी

चीन को कुछ भी नहीं करने देना चाहिए। भारत को तिब्बत नीति तत्काल परिवर्तित करके BRICS से बाहर आना होगा। सबसे अहम बात यह है कि narendramodi जी बैंक आफ चायना Paytm vivoChina आदि से भारी-भरकम घूस खाए बैठे हैं, उन्हें हटाना होगा, तभी ड्रैगन की फुंकार से बचेंगे हम!

जब अरुणाचल प्रदेश मेें गाँव बसा लिया, भारत तब भी परेशान नही हुआ। भारत तब परेशान होता है जब पाकिस्तान कुछ करता है। वोटों की खेती के लिए कथित रूप से पाकिस्तान का एक्टिव रहना जरूरी है, चीन के रिएक्शन से माहौल में बहुत ज्यादा फर्क नही पड़ता है।

भारत के दवाई बनाने से कई विकसित देश परेशान हैं ?

अपने घबराना नहीं है 😊

भारत में ही चीन ने दो गांव बसाया है जिससे मोदी सरकार को कोई आपत्ति नहीं है तो भूटान से क्या मतलब है

चीन से हमे कोई परेशानी नही है हमे सिर्फ पाकिस्तान से मतलब है

लिजये अंधभक्तों की हरकत से सबका मजाक बना दिया इसने _garrywalia NSUIGoa INC_Dhanbad JMM_Dhanbad

Tumse mtlb, tum bbc wale andar hi andar khush ho rahe honge

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