2022 के चुनाव में विकास दुबे की पटकथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भारी पड़ सकती है। दुबे के अंतिम संस्कार के बाद कई तरह के सवालों ने अपनी राह बना ली। जैसे योगी ने एकाएक यूपी में शुक्रवार रात से सोमवार सुबह तक 55 घंटे के लॉकडाउन की घोषणा कर दी, जबकि वहां कोरोना के केस एकदम डबल नहीं हो गए थे।
मीडिया और दूसरे नेताओं ने मौलाना साद को लेकर कठोर टिप्पणियां नहीं कीं, जबकि दुबे एनकाउंटर में बिना सोचे समझे बयान दिए जा रहे हैं। इस मामले के जानकार बताते हैं कि यूपी में दुबे एनकाउंटर कई तरह के राजनीतिक व सामाजिक बदलावों का जरिया बन सकता है। लोगों ने सोशल मीडिया में लिखा कि विकास दुबे की हत्या नहीं हुई है, बल्कि ब्राह्मणों के विश्वास को मार दिया गया है। लोग आपस में मिलकर इस केस की चर्चा न करें, उनमें एक सामाजिक दूरी बनी रहे, इसके लिए कोरोना की आड़ लेकर 55 घंटे का लॉकडाउन कर दिया...
दुबे केस में प्रभात मिश्रा जैसे लोगों को क्या जानबूझकर मारा गया, इस पर सवाल खड़े किए गए। इस दौरान लोगों ने यूपी में ब्राह्मणों की मौजूदा दयनीय स्थिति को लेकर कई तरह की बातें लिखीं। आगामी चुनाव में योगी को सबक सिखाने की बात कही गई। हालांकि बाद में जितिन प्रसाद ने कहा, ब्राह्मण चेतना समाज, लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए है। इसे दुबे या किसी दूसरे अपराधी के साथ न जोड़ा जाए। ये सब बातें इशारा कर रही हैं कि आगामी चुनाव में कांग्रेस पार्टी अपने खोए हुए वोट बैंक यानी ब्राह्मणों को दोबारा पार्टी...
मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही योगी ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ गैरकानूनी कार्रवाई शुरू कर दी थी। पूरे उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समाज को निशाना बनाकर 400 से ज्यादा एनकाउंटर किए गए हैं। यादव ने योगी से पूछा है कि क्या उत्तर प्रदेश में उनकी जाति का कोई अपराधी नहीं है। विकास दुबे भाजपा के कई मंत्रियों की पोल खोलने वाला था, जिससे भाजपा सरकार गिर भी सकती थी। पोल खुलने से पहले ही उसे चुप करा दिया...
मीडिया और दूसरे नेताओं ने मौलाना साद को लेकर कठोर टिप्पणियां नहीं कीं, जबकि दुबे एनकाउंटर में बिना सोचे समझे बयान दिए जा रहे हैं। इस मामले के जानकार बताते हैं कि यूपी में दुबे एनकाउंटर कई तरह के राजनीतिक व सामाजिक बदलावों का जरिया बन सकता है। लोगों ने सोशल मीडिया में लिखा कि विकास दुबे की हत्या नहीं हुई है, बल्कि ब्राह्मणों के विश्वास को मार दिया गया है। लोग आपस में मिलकर इस केस की चर्चा न करें, उनमें एक सामाजिक दूरी बनी रहे, इसके लिए कोरोना की आड़ लेकर 55 घंटे का लॉकडाउन कर दिया...
विकास दुबे एनकाउंटर से सबसे ज्यादा धक्का तो अमर उजाला को लगा है, तभी हैशटैग चला रहा है। जघन्य अपराधियों का बचाव करने की मोटी रकम मिली लगती है,तभी विकास दुबे का महिमामंडन करना चाहते हैं।
यह तो वक्त बताएगा, एक्सपर्ट भी अर्बन नक्सली हैं जो कांग्रेस के फायदे के हिसाब से राय देते हैं। देखना दिलचस्प होगा कि झूठ और भ्रम फैलाने का कांग्रेसी षड्यंत्र कितना सफल होता है। इनके पास जाति की राजनीति करने के अलावा कोई विकल्प भी नहीं है। जनता से इनका कोई सरोकार नहीं है।
हमें ऐसा नहीं लगता कि योगी जी के चुनाव पर इसका नेगेटिव असर पड़ेगा बल्कि हमें ऐसा लगता है की इसका पॉजिटिव ही असर पड़ेगा उन्होंने काफी लोगों विकास दुबे के आतंक से मुक्त करवाया है
Dubara bhi yogi sarkar banegi
पलस पॉइंट l
Ek sachha pandit yogi ko kabhi bhi maaf nahi karega...
विकास दुबे को लगता था कि उससे बड़ा आतंकी कोई नहीं है लेकिन उसने राजनीति में सक्रिय कुछ आतंकियों को नज़रअंदाज़ का दिया, और उसकी वाट लग गई।
रावण के मरने से राम के भक्तों में कमी नही आई थी, जनता जानती है क्या सही है क्या गलत
विकाश दुबे से सम्बन्धित नहीं हैवो एक अपराधी था! लेकिन ब्राह्मण समाज में अन्दरूनी आक्रोश आ चुका है!!
अमर उजाला भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है । प्रशासन को ऐसे भ्रामक व्यक्तव्यो पर निगरानी रखनी होगी ।
नहीं न्याय किया है
yes
Mai ak brahman hu ,mai yogi ji ka support karta hu, Ekdum sahi hua hai
मिडिया प्रभारी जी कोई फर्क नहीं पड़ना चुनाव मे चाहे जो भी राजनैतिक पार्टी भर्म फैला ले भारतीय जनता पार्टी का कुछ भी नहीं होगा
Ab ghonchuon, in UP election in 2017 you said Tonti chor will be back. Tumlog rehne do🤣🤣🤣
Never
बिल्कुल भारी पड़ेगा
पेश है एक छोटी लिस्ट UP brahmins brahminlivesmatter VikasDubey
भोस्दी वालो पत्रकारों तुम्हे भी सिर्फ चुनाव की सोच आती है
ब्राह्मणो की एक गौरवशाली इतिहास गाथा रहीं है ब्राह्मण इस कदर वैचारिक दरिद्र नही हों सकता जो विकाश दूबे जैसे दरिंदे मे अपना नायक खोजे.. !! पाद मे पनीर की खुशबू नही खोजनी चाहिये न अपराधियों से कोई सहानुभूति रखनी चाहिए.. !! जय हो🙏🙏🙏
तुमसे किसी ने पूछा दलाली करो ज्ञान मत पेलो । सपनों की दुनिया से बाहर आ जाओ।
विकास अपराधी था पर मारा गया जाती की वजह से वर्ना अनंत सिंह के साथ बिहार में सरकार बना सकते हो अंसारी और अहमद के गैंग को छुआ भी नही जाता साद को अबतक गिरफ्तार नही कर सके इसने सरेंडर किया तो खुद का भेद ना खुले तो मरवा दिया
बेकार की बात... 😆
तुम जैसे दो कौड़ी के अखबार जिससे सुबह-सुबह बच्चों की टट्टी पूछ कर फेंकी जाती है तुम्हारी औकात नहीं है जोगी जी पर सवाल उठाने और पूछने का। तुम्हारे जैसे बिकाऊ अखबार ही इस देश को बर्बाद कर रहे टट्टी पूछने के काबिल भी नहीं है तुम्हारा अखबार
Yes
Tum faltu ki khabar banana jab chodoge....aag lagana hi kya patrkarita rah gya
100 में 85 पड़ेगा
श्री_प्रकाश_शुक्ला के एनकाउंटर के बाद कल्याण_सिंह दोबारा कभी मुख्यमंत्री नही बन सकें! 🤫 सोचा याद दिला दूँ
No broker media
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