कोविड-19 से निपटने का गुजरात सरकार का तरीका संतोषजनक नहीं है: हाईकोर्ट

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गुजरात हाईकोर्ट ने कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के राज्य सरकार के तरीके पर मंगलवार को नाराजगी जताते हुए कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में ‘पारदर्शिता’ का अभाव है और ‘डॉक्टरों के मरीजों को नहीं देखने के कारण’ अस्पतालों के बाहर संक्रमितों की मौत हो रही है.

गुजरात में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 14,352 नए मामले सामने आए और 170 लोगों की मौत हुई. अहमदाबाद शहर में 5,669 नए मामले सामने आए और 26 लोगों की मौत हुई. हाईकोर्ट ने कहा, ‘अगर आपके पास अधिक व्यावहारिक, विचारशील और काम करने की अधिक सार्थक प्रणाली होती, तो यह बहुत बेहतर काम करता और बहुत कम संकट होता.’

मामले में पेश हुए एक वकील ने जब संक्रमण की श्रृंखला रोकने के लिए लॉकडाउन लागू करने की सलाह दी, तो पीठ ने कहा, ‘लॉकडाउन समाधान नहीं है. क्या आप जानते हैं कि लॉकडाउन लागू करने से कितने लोगों की आजीविका छिन जाएगी? यह जर्मनी, न्यूजीलैंड या लंदन नहीं है, यह भारत है.’ पीठ ने कहा, ‘सरकार पूरे राज्य के नगर निगमों, सरकारी अस्पतालों, नामित अस्पतालों को यह दिशानिर्देश क्यों नहीं जारी करती है कि जब भी कोई मरीज आता है, तो उसका चेकअप किया जाए. एक मरीज मानसिक रूप से संतुष्ट होगा, अगर उनकी तत्काल देखभाल की गई है.’

 

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