कृषि कानून पर समिति के गठन के बाद सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई होगी

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सुप्रीम कोर्ट दिल्ली पुलिस की ओर से केंद्र सरकार की उस याचिका पर भी सुनवाई करेगा,  जिसमें 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च या किसी अन्य तरह के प्रदर्शन पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट कृषि कानूनों और दिल्ली की सीमाओं पर किसान के प्रदर्शनों से जुड़ी याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करेगा. शीर्ष अदालत गतिरोध को समाप्त करने के लिए समिति के एक सदस्य के अलग कर लेने के मामले पर भी ध्यान दे सकती है.कोर्ट दिल्ली पुलिस की ओर से केंद्र सरकार की उस याचिका पर भी सुनवाई करेगा, जिसमें 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च या किसी अन्य तरह के प्रदर्शन पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है.

प्रमोद कुमार जोशी, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और शेतकरी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवत को शामिल किया गया.कोर्ट ने कहा था कि वह समिति के सुझाव देने के बाद याचिकाओं पर सुनवाई करेगा, लेकिन न्यायालय के प्रयासों को उस समय झटका लगता प्रतीत हुआ, जब मान ने 14 जनवरी को खुद को समिति से अलग कर लिया था. इस पीठ में न्यायमूर्ति एन नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति विनीत सरन भी शामिल है. यह पीठ समिति से मान के स्वयं को अलग करने और उनकी जगह किसी अन्य को नियुक्त करने जैसे मामलों पर भी विचार कर सकती है.

 

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देशद्रोही अर्नव को गिरफ्तार किए जाने की जगह हमें गिरफ्तार किया जा रहा है, आदेश देने वाले भी वही है जो कुर्सी पर बैठकर खुफिया सैन्य जानकारी लीक कर रहे थे... लेकिन इन गिरफ़्तारियों से हम रुकने वाले नही है...

पहले सरकार तारीख दे रही थी अब सुप्रीम कोर्ट लेकिन मर तो किसान रहा है

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लोकतंत्र को बचाने की बात है अब सुप्रीम कोर्ट के सामने l

सुप्रीम जोक है आज।।

no democracy ever

सुप्रीम कोर्ट से भी कोई उम्मीद नही है

जैसे भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव जी के समय हुई थी।

उम्मीद करते है सुप्रीम कोर्ट पर तानाशाह का दबाव और डर (जज लोया) का कोई असर नही होगा (जिसकी उम्मीद पिछले कुछ फैसलो के बाद कम ही नजर आ रही है )

सब ढकोसला है , कानून बिकाऊ है सरकार के

MATCH FIXED

सरकारी नाटक 🎭

एक ही दिन में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अर्नब को ज़मानत मिलते ही लोगों को समझ जाना चाहिए था कि कोर्ट किसके इशारों पर काम करता है! खैर बाकी आप व्हाट्सएप्प_चैट से समझ ही गये होंगे!

असल में खालिस्तानियों का आंदोलन है किसानों का नाम का आंदोलन एक बहाना है इस आंदोलन देशद्रोही समलित है कांग्रेसी केजरीवाल सरकार विपक्ष का समर्थन है कांग्रेस 70 साल में देश का हित नहीं कर पाई ना ही करना चाहती है दोगली कांग्रेस कोई मतलब नहीं कि लोग मरे या जिए

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