और फिर पहली फरवरी को डेनियल पर्ल को इतनी भयानक मौत दी गई कि जिसके बारे में याद कर अब भी लोग सिहर उठते हैं. आतंकवादियों ने चाकू से पर्ल का गला रेत दिया था. ये और बात है कि बाद में आईएसआईएस समेत कई दूसरे आतंकी संगठनों ने और भी कई बेगुनाहों की इसी अंदाज़ में जान ली.
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पर्ल के चार हत्यारों को पर्ल की हत्या के आरोप में बेकसूर करार देते हुए रिहा करने का आदेश दिया था. खास बात ये है कि अमेरिका में नई सरकार बनने के बाद दोनों देशों के बीच कोई औपचारिक संपर्क नहीं हुआ, लेकिन शुक्रवार की रात पहली बार संपर्क हुआ. तो ऐसा हुआ कि पाकिस्तान को शर्मिंदा होना पड़ा. ब्लिंकेन ने कुरैशी से साफ़ कह दिया कि पर्ल के हत्यारे अहमद उमर सईद शेख की रिहाई को अमेरिका किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा.
बाद में इस क़त्ल के जुर्म में अलकायदा के आतंकी अहमद उमर सईद शेख समेत चार लोगों को पकड़ा गया. लेकिन 19 साल बाद भी पर्ल के क़ातिलों के खिलाफ़ वहां की सरकार को कोई सबूत नहीं मिले. आखिरकार मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और वहां से भी उसे रिहा कर दिया गया. पर्ल के कातिलों की रिहाई से अमेरिका बेशक गुस्से में हो, लेकिन सच्चाई यही है कि अमेरिका में आतंकवादियों पर कभी सख्त कार्रवाई हुई ही नहीं.
इस पर क्यों चुप है रिहाना
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