किताब में गांधीजी के ब्रह्मचर्य के प्रयोग पर आपत्तिजनक टिप्पणी:लेखक: गोवर्धन चौधरीसम्मेलन के पहले दिन मंच पर मौजूद वक्ता। दो दिन तक चले इस सम्मेलन में कांग्रेस-बीजेपी के कई नेता शामिल हुए।
जयपुर में दो दिन तक चले आदिवासी विकास परिषद के जिस सम्मेलन में केंद्र और राज्य के कई मंत्रियों और भाजपा-कांग्रेस के नेताओं ने भाग लिया, उसमें बांटी गई किताब में ब्राह्मणों को यूरेशिया से आया हुआ आक्रांता और महात्मा गांधी को रुढिवादी-नस्लभेदी बताया गया है। अधूरी आजादी टाइटल से लिखी गई इस किताब में महात्मा गांधी और पंडित नेहरू के लिए भी कई आपत्तिजनक बातें लिखी हुई हैं। महात्मा गांधी को रुढिवादी, नस्लभेदी, काइयां,दोहरे चरित्र का व्यक्ति और व्याभिचारी बताया गया है। पंडित नेहरू के बारे में लिखा है...
आदिवासी विकास परिषद के सम्मेलन में रिटायर्ड आईआरएस रूपचंद वर्मा की यह किताब बांटी गई। सम्मेलन का उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री परसादीलाल मीणा ने किया था। मंगलवार को समापन सत्र में केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते शामिल हुए थे। दो दिन तक चले इस सम्मेलन में कांग्रेस-बीजेपी के कई नेता शामिल हुए। सम्मेलन में मुख्यमंत्री के पोस्टर आखिर तक लगे हुए थे। सम्मेलन के निमंत्रण पत्रों में भी मुख्यमंत्री का नाम मुख्य अतिथि के रूप में शामिल था।दोनों दिन यह किताब बंटी और कई कांग्रेस-बीजेपी नेताओं को...
किताब में लिखा है- षडयंत्रकारी बंटवारे के कारण भारतीय उपमहाद्वीप में पिशाची नरसंहार हुआ। करोड़ों लोगों की जान माल की क्षति हुई। इसे साबरमती के तथाकथित संत गांधी की बिना खड़ग बिना ढाल की अहिंसक आजादी नहीं कह सकते हैं।किताब में लिखा है- इतिहास पर नजर डालने पर गांधी, नेहरू और कांग्रेस के दोगलेपन और धोखेबाजी का खुलासा होता है। इन्होंने अंबेडकर और जयपाल सिंह को धोखा दिया। नेहरू ने अपनी कैबिनेट में किसी आदिवासी काे मंत्री नहीं बनाया। जवाहरलाल नेहरू का ब्राह्मणवादी दोगलापन भूप्रबंधन, शिक्षा, कश्मीर...
जिस इतिहास को इतने सालों से हमें पढ़ाया गया पूरी तरह तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया उसी को पढ़कर पढ़े-लिखे लोग इस तरह की हरकत करें तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए पहले हमें जो इतिहास बचपन से पढ़ाया जाता है उसमें सुधार आवश्यक है
लिखने वालों को 100 तोपों की सलामी
सब सही लिखा हे.
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