राजकोट के सिविल अस्पताल में एनआईसीयू की क्षमता कम है, जबकि रांची के रिम्स में मशीनों की किल्लत से मौतें हो रहीं।राजकोट के सिविल अस्पताल में एनआईसीयू की क्षमता कम है, जबकि रांची के रिम्स में मशीनों की किल्लत से मौतें हो रहीं।रांची के सरकारी अस्पताल रिम्स में हर महीने औसतन 96 बच्चों की मौत हुई, वजह- मैन पावर और मशीनों की कमी
2019 में बीकानेर में 1681, रांची में 1150, राजकोट में 869, भोपाल में 800, पुणे में 208, लखनऊ में 650, जोधपुर में 754 बच्चों की मौत हुई झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दैनिक भास्कर की खबर ट्वीट करते हुए लिखा- राज्य की स्थिति में बदलाव होगागुजरात के राजकोट में सरकारी अस्पताल में पिछले एक महीने में 111 बच्चों की मौत हो चुकी है। सिविल अस्पताल के चिल्ड्रन वॉर्ड में मरने वाले सभी बच्चे नवजात थे। यहां बच्चों की इंटेसिव केयर यूनिट ‘एनआईसीयू’ में तो ढाई किलो से कम वजन वाले बच्चों को बचाने की सुविधा तक नहीं है। राजस्थान के कोटा में 110, जोधपुर में 146 और बीकानेर के अस्पताल में 162 बच्चों ने दम तोड़ा। दूसरी ओर, रांची के सरकारी...
वजह: केंद्र की जांच समिति ने लापरवाही को अस्पताल में मासूमों की मौत के लिए बड़ा कारण माना है। इसके अलावा चिकित्सा संसाधनों की कमी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहनगर जोधपुर में बेहतर इलाज और सुविधाएं नहीं मिलने से डॉ.
SachinPilot ashokgehlot51 drharshvardhan DrHVoffice narendramodi PMOIndia HemantSorenJMM dasraghubar संसाधनों की कमी के लिये सरकार जिम्मेदार है। लापरवाही के लिए डॉक्टर जिम्मेदार है । अब सभी विभागों में सभी सदस्यों की जवाबदेही व जिम्मेदारी तय हो। बग़ैर इसके काम अासान नहीं होगा।
SachinPilot ashokgehlot51 drharshvardhan DrHVoffice narendramodi PMOIndia HemantSorenJMM dasraghubar आप आंकड़े देते जाओ यहाँ मुद्दों पर बात करने वाला कोई नही है सब अपनी राजनीति रोटी सेक रहे है
SachinPilot ashokgehlot51 drharshvardhan DrHVoffice narendramodi PMOIndia HemantSorenJMM dasraghubar Sampat_Saral quixoticious Jab hukmrano ka hoga nanga nach Masumo ki sisakti awaj Tirange me lipti hogi Insaniyat ki lash Kayamat per saitan ka vo Atthas( smiling)hum dekengey Hum bhi dekengey HumDekhenge FaizAhmadFaiz IndiansAgainstCAA
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