अरावली से झोपड़ियां और फार्म हाउस, दोनों को हटाया जाए : सुप्रीम कोर्ट

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सुप्रीम कोर्ट ने आज फरीदाबाद नगर निगम को संरक्षित अरावली वन क्षेत्र में स्थित खोड़ी गांव में फार्म हाउस सहित अवैध ढांचे को गिराने का काम पूरा करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने अधिकारियों से विस्थापितों के लिए 31 जुलाई तक पुनर्वास योजना लाने को भी कहा. न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा, वन भूमि पर किसी भी अवैध ढांचे, चाहे झुग्गी हो या फार्म हाउस, अनुमति नहीं दी जाएगी. सभी को बिना किसी भेद के हटाया जाना चाहिए. अदालत ने सात जून को फरीदाबाद नगर निगम को छह सप्ताह के भीतर खोड़ी में अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज फरीदाबाद नगर निगम को संरक्षित अरावली वन क्षेत्र में स्थित खोड़ी गांव में फार्म हाउस सहित अवैध ढांचे को गिराने का काम पूरा करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने अधिकारियों से विस्थापितों के लिए 31 जुलाई तक पुनर्वास योजना लाने को भी कहा. न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा,"वन भूमि पर किसी भी अवैध ढांचे, चाहे झुग्गी हो या फार्म हाउस, अनुमति नहीं दी जाएगी. सभी को बिना किसी भेद के हटाया जाना चाहिए.

नगर निगम ने कहा कि वह इसमें शामिल मानवीय कोण को देखते हुए एक पुनर्वास नीति लेकर आ रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने झोपड़ियों में रहने वालों को आश्वासन दिया कि"निगम को नीति तैयार करने दें. हम इसे सुगम बनाएंगे. यदि आपके पास नीति के तहत अधिकार हैं, तो आपके रहने का इंतजाम किया जाएगा."

 

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कुछ साल पहले लाला रामदेव ने भी जमीन ली थी सुनने आया था अरावली में किसने दी

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