एक पुरानी कहावत है- गुड़ लगी हसिया, न खाते बने, न निगलते। चीन भी पाकिस्तान के लिए उसी हसिया की मानिंद हो गया है। एक तरफ पाकिस्तान खुद को पूरी दुनिया के मुसलमानों की आवाज के रूप में स्थापित करने की कोशिश में है और इसी कोशिश में वह भारत के मुसलमानों की खैरख्वाही का भी कोई मौका नहीं गंवाना चाहता लेकिन जब चीन अपने देश में रहने वाले मुसलमानों की धार्मिक आजादी पर लगातार अंकुश लगाता जा रहा है तो इमरान खान के पास चुप्पी साधने के अलावा कोई चारा नहीं बच रहा है।इस्लाम पर लगातार पहरा बिठाने की कड़ी में चीन...
मशहूर क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने पिछले हफ्ते ट्वीट किया था, 'उईगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार की खबरों से दिल दुखी है। मैं प्रधानमंत्री इमरान खान से अपील करता हूं कि वो इस बारे में जरूर बोलें। जब हम दुनियाभर के मुस्लिमों के बीच एकता की बात करते हैं तो इसमें हमारे चीन में रहने वाले उईगर भाई और बहनें भी शामिल हैं। मैं चीनी दूतावास से भी अपील करता हूं कि वो इस मसले पर मानवता का परिचय दें और वहां के मुस्लिमों के साथ उचित व्यवहार करें।'इस ट्वीट पर भी इमरान की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। उल्टे...
पेइचिंग में रेस्त्रां और फूड स्टॉल्स से इस्लाम के प्रतीक चिह्नों और अरबी में लिखी आयतें हटाने को कहा गया है। मस्जिदों से मध्य-एशियाई शैली में बनी गुम्बदों को भी तुड़वाया जा चुका है। मुस्लिम पुरुषों के लंबी दाढ़ी रखने पर भी रोक लगा दी गई है। सार्वजनिक जगहों पर मुस्लिम महिलाएं बुरका भी नहीं पहन सकती हैं। और अब तो जो नया आदेश जारी हुआ है, उसमें भले सीधे तौर पर कुरान न लिखा हो लेकिन इशारा कुरान की तरफ ही है। मीडिया में चीनी अधिकारियों के हवाले से जो खबर आई है, उसके अनुसार 'ऐसे धार्मिक ग्रन्थों...
चीन में मुसलमानों पर इतना कुछ होते हुए भी पाकिस्तान खामोश है। वह चीन के मुसलमानों के प्रति कोई हमदर्दी इसलिए नहीं दिखाना चाहता कि उससे चीन नाराज हो जाएगा। पाकिस्तान इस वक्त किसी भी कीमत पर चीन को नाराज नहीं कर सकता क्योंकि चीन से मिल रहे कर्ज के सहारे ही पाकिस्तान किसी तरह चल रहा है। वह चीन के 21 अरब डॉलर का कर्ज है। इसके अलावा चीन पाकिस्तान में निवेश भी कर रहा है। भारत के खिलाफ उसकी बयानबाजी भी चीन से मिलने वाली 'ताकत' के ही बल पर है।62 अरब डॉलर से इकनॉमिक कॉरिडोर बना रहा है चीन पाक...
पाकिस्तान ही क्यों हिंदुस्तान में छिपे चीन व पाक के सेक्युलर, वामपंथी गुलाम भी तो चुप हैं..
उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार के खिलाफ हॉन्ग कॉन्ग में प्रदर्शन, मजबूर पाकिस्तान चुप? भारत में भी मानवाधिकारी चुप हैं कि बोलें या नहीं। भारतीय मुसलमानों को भी सांप सुंघा हुआ है।
पाकिस्तानियों की बड़ी फिक्र है भारत में २४ घंटे आपस मे नफरत फैला रहे!
भारत मे पत्ता भी गिरता है तो पेंट हाथ से पकडकर बकवास करते है, इन्हें मालूम है भारत मे एक गद्दारों की फौज खड़ी है जो पाकिस्तान और मुस्लिम समर्थन में बोलती है। किंतु उइगर मुस्लिमो के समर्थन में एक हर्फ नही बोल सकते क्योंकि मालूम है चीन में इनका बाप बैठा है ।
ठीक उसी तरह ,जैसे विदेशो मे CAA_NRC_Protests जमकर हुआ,और यूपी के लोगों को 3rd डिग्री देकर बुरी तरह से ज़ुल्म करके ख़ामोश कर दिया गया, ठीक उसी तरह से जैसे Kashmir को इज़राईल की तर्ज़ पर ख़ामोश कर दिया गया ख़ामोशियाँ बेवजह नही होती,कुछ दर्द आवाज़ छीन लेते हैं 😒😔 YogiMassaccre
कर्ज़ से दबे आदमी या मुल्क का कोई स्वाभिमान, दीन ईमान नही होता।
Or what about indian muslims
?
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