नई दिल्ली: वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने COVID-19 को लेकर एंटी-मलेरिया ड्रग हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का परीक्षण फिर से शुरू करने के लिए कहा है. बता दें कि इससे पहले डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 के प्रायोगिक उपचार में मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के वैश्विक परीक्षण पर अस्थायी रूप से रोक लगाई थी.
बता दें कि महामारी के तेजी से फैलने और कोविड-19 के प्रभावी उपचार की तात्कालिकता को लेकर अमेरिका सहित कई देशों ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन पर निर्भर होना शुरू कर दिया है. भारत इस दवा का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है और उसने अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन जैसे देशों को इसकी बड़ी मात्रा में आपूर्ति की है.
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डब्ल्यूएचओ को उसके निर्णय को लेकर 25 मई की रात में एक ईमेल भेजा. एक सूत्र ने पीटीआई से कहा, ‘‘डब्ल्यूएचओ को अवगत कराया गया कि परीक्षण को अस्थायी रूप से स्थगित करने से पहले शायद सभी रिपोर्ट पर विचार नहीं किया गया. यही बात अन्य दवाओं के परीक्षण में भी रही होगी जिनके परीक्षण में भी अलग अलग रिपोर्ट आ रही है. आईसीएमआर से भी मशविरा नहीं किया गया जो भारत में परीक्षण कर रहा है.''
आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा,‘‘कोविड-19 एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में जानकारी धीरे धीरे सामने आ रही है और हमें नहीं पता कि कौन सी दवा काम कर रही है और कौन सी दवा काम नहीं कर रही है. कई दवाएं कोविड-19 के लिए इस्तेमाल के लिए निर्धारित की जा रही हैं, चाहे वह इससे बचाव के लिए हों या इलाज के लिए हों.''WHOटिप्पणियां भारत में कोरोनावायरस महामारी के फैलाव पर नज़र रखें, और NDTV.in पर पाएं दुनियाभर से COVID-19 से जुड़ी ताज़ातरीन ख़बरें.
W HO bhi confused hai...
WHO अपने नाम के मतलब को सार्थक कर रहा हैं। हु मतलब कोंन?
WHO PRUMP ko khus kar rahe hai
Govt is pressurising WHO they just want to hide their failure
Ye who hai ya fir jhola chhap doctor ka organisation
लगता है WHO की दिमाग़ी हालत गंभीर है, कभी बैन कर ते है तो कभी शुरू करते है, हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्वीन का परीक्षण कोविड के लिए नही बल्कि इनके दिमाग पर कर के देख लेना चाहिए, यक़ीनन इनका दिमाग और अक्ल दोनों ठिकाने लग जाएंगे।
RSS Ke Delhi Office Mein Corona Cases...Kya RSS Corona Jihad Kar Raha Hai...
Trump baba bahut khush huye honge
हैड्रॉक्सिकबलोरोक्विन का covid में इस्तेमाल को लेकर W H O का कभी हाँ कभी ना भ्र्म पैदा करता है।WHO किसी के दबाब में तो नही है?
Who इसकी क्या जरूरत ऐसे निक्कमे संस्था को बंद कर देना चाहिये जो खुद क्या कहेगा क्या करना है उसको कुछ पता नही हमारे देश के डॉक्टर बहुत काबिल है कोरोना के लड़ाई में।ओर एक लाख ठीक भी किये।
अमेरिका ने बिलकुल सही किया who से रिस्ता ताेड़ कर बिना नेटवर्क का संगठन फालतू ज्ञान दे रहा है!
In pe vishwas nhi krna chahiye
Bhagwan kre yeh safal ho jaye bhut si zindgiya bach jaenge
Good keep it up
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