जेएनएन, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में मतदान के अंतिम आंकड़े जारी करने में देरी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई है। याचिका में प्रत्येक पोलिंग बूथ पर फॉर्म 17सी डाटा जारी करने की मांग की गई है। वहीं चुनाव आयोग ने कहा है कि अगर फॉर्म 17सी के आधार पर मतदान डाटा सार्वजनिक किया गया तो इससे मतदाताओं के बीच भ्रम पैदा होगा। चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि इस डाटा को जारी करना कानूनन अनिवार्य नहीं है। आइए जानते हैं क्या है यह पूरा विवाद। फॉर्म 17सी क्या है और यह क्यों...
चार-चार दिन की देरी हुई। पांचवें चरण का डाटा मतदान के तीन दिन बाद गुरुवार को जारी किया गया। विपक्ष के नेताओं ने चुनाव आयोग से इस डाटा को मतदान के 48 घंटों के भीतर जारी करने की मांग की। कांग्रेस ने कहा है कि वोटिंग के रियल टाइम और अंतिम आंकड़े से जुड़े कुछ प्रश्न अनुत्तरित हैं। इसका चुनाव आयोग को जवाब देना चाहिए। कांग्रेस ने मतदान के बाद मतदान प्रतिशत के आंकड़े में बढ़ोतरी को लेकर पार्टी की आशंकाएं जाहिर की। दावा किया कि मतदान के दिन के रियल टाइम आंकड़ा और उसके बाद जारी किए गए अंतिम आंकड़े में...
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