नई दिल्ली: ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल चुनावों में 'खेला होबे' का स्लोगन दे बीजेपी को पटखनी दी थी. अब उसी तर्ज पर अखिलेश यादव भी चुनाव को फतह करना चाह रहे हैं. इस कड़ी में समाजवादी पार्टी ने शुक्रवार को नया चुनावी गाना रिलीज किया. गाने की खूब चर्चा हो रही है. गाने में"मुंह के बल बीजेपी गिरिहें, खदेड़ा होइबे.." जैसी लाइनों का इस्तेमाल किया गया है. यह गाना सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.
यह भी पढ़ेंइस साल के शुरुआत में हुए पश्चिम बंगाल चुनावों में 'खेला होबे' स्लोगन की खूब चर्चा हुई थी. समाजवादी पार्टी ने गाने के माध्यम से बीजेपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है. साथ ही फरवरी-मार्च में संभावित चुनावों में जीत का दावा किया है. गाने में दावा किया गया है कि अगर समाजवादी पार्टी फिर से सरकार बना लेती है तो यूपी में खुशियों का मेला होगा. इस गाने की लाइनों में मेला होइबे..., खडेड़ा होइबे...खेला होइबे... जैसे शब्दों का इस्तेमाल बहुत ही खूबसूरती के साथ किया गया है.
— Samajwadi Party November 26, 2021बता दें कि इससे पहले भोजपुरी गायक और नेता निरहुआ ने भी एक गाना यूपी में चुनाव को देखते हुए गाया है. इस गाने में सीएम योगी के विकास कार्यों को बताते हुए वोटरों को रिझाने की कोशिश की जा रही है. इस गाने की लाइनें हैं, चाहे जोर लगा लो…चाहे जितना शोर मचा लो, आएंगे फिर योगी ही... यह गाना भाजपा की लगभग हर चुनाव रैलियों में गूंजता है. भाई @nirahua1 द्वारा खूबसूरत प्रस्तुति…— Mrityunjay Kumar September 25, 2021Listen to the latest songs, only on JioSaavn.
यूपी में विधानसभा की 403 सीटों के लिए मतदान होना है. इसमें सरकार बनाने के लिए 202 सीटों की आवश्यकता होती है. साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 312 सीटें जीती थीं. Samajwadi Party NEWSSamajwadi Party news updateटिप्पणियां पढ़ें देश-विदेश की ख़बरें अब हिन्दी में | कोरोनावायरस के लाइव अपडेट के लिए हमें फॉलो करें |
Last 15 year I am this was kill congres ,b j p is use less thing
बंद करो यार सार्वजनिक जगहों पर... पूजा अर्चना और नमाज दोनों चीज 🙏🙏
जब खदेड़ा होइबे उसके बाद नौकरी रोजगार का उत्तर प्रदेश में मेला होइबे।
Viral in ur channel only 🤣
Yahi akhilesh ke saath hoga
गली गली,नाच नाच रिझावैं यूपी जन के, ई yadavakhilesh तऽ सच्चौं मुँह के बल गिरि जईहैं, बुझाये लगल हौ, फेरूँ खदेडले जईहैं।
अखिलेश ने पहले बाप की इज्जत डुबोई, अब बाप का पैसा डुबोकर मानेगा, ये सबको पता है,खुद अखिलेश को पता है, योगीराज फिर से आना है।
सपा की जनसभा में ये खाली कुर्सियां इस बात की गवाह हैं कि अखिलेश जी की नीति और नीयत का जनता को पूरा भान है। इसलिए न तो उन्हें कोई सुनना पसंद करता है न जनसभा में आना। और जो आते भी हैं वो इनका कुंठित प्रलाप सुन के विदा ले लेते हैं।
किसानो को अनेक तरह से प्रताणित व अपमानित किया, सर शरीर तौड फोड़े, बेरहमी से कुचले व हजारों मुकदमे दर्ज हुए। खेती लागत कई गुना बढ़ी, समस्याएं भी बढ़ी व घाटे की खेती पहिले से भी ज्यादा। समय है किसानों के साथ मिल बैठकर हल निकाले का यही लोकतंत्र का भी तकाजा है। जय किसान व जय संविधान
आयेगा तो यौगि जी, ना जिन्ना ना दादी वाली नाक
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